Operation Sindoor Update : भारतीय सेना ने 6-7 मई की आधी रात को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और POK में अंदर घुसकर कई आतंकी ठिकानों पर हमला किया। भारत की तरफ से किए गए इस हमले में 9 टेररिस्ट लॉन्च पैड को टारगेट किया गया था। इस दौरान 100 से ज्यादा आतंकियों के मारे जाने की खबर खुद भारत सरकार में दी थी। भारत सरकार ने आतंकियों के नाम भी जारी कर दिए। जिन्हें हमले में मौत के घाट उतार दिया गया।
इस लिस्ट में लश्कर का टॉप कमांडर अबु जिंदाल, मसूद अजहर का बहनोई मोहम्मद जमील समेत कई अन्य आतंकी शामिल है। ऑपरेशन सिंदूर में आतंकवादी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। इस हमले में मसूद अजहर के परिवार से जुड़े 14 लोगों की मौत हो गई थी। इस हमले पर मसूद अजहर ने कहा था कि “काश ऊपर वाला उसे भी अपने पास बुला ले।”
#BreakingNews | ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में अब तक मारे गए पाक के 5 बड़े आतंकी
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— Jantantra Tv (@JantantraTv) May 10, 2025
मुदस्सर खडियान खास उर्फ अबू जुंदाल
मुदस्सर खडियान खास उर्फ अबू जुंदाल एक पाकिस्तानी आतंकवादी है, जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ है। 2008 के मुंबई हमलों में शामिल होने के आरोप भी उस पर था। पाकिस्तान की सरकार और सेना ने इसके अंतिम संस्कार में विशेष सम्मान दिया। पाक सेना प्रमुख और पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज़ ने उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की।
हाफ़िज़ मुहम्मद जमी़ल
हाफ़िज़ मुहम्मद जमी़ल मौलाना मसूद अजहर का सबसे बड़ा साला था। साथ ही वह बहावलपुर स्थित मरकज़ ‘सुब्हान अल्लाह’ का प्रमुख था। वह जैश में युवाओं को कट्टरपंथी बनाने में अहम भूमिका निभाता था।
मोहम्मद यूसुफ अज़हर उर्फ उस्ताद जी
यह भी मसूद अजहर का एक और साला है। जो जैश के हथियार प्रशिक्षण शिविरों का प्रभारी था। यह साल 1999 में हुए IC-814 विमान अपहरण कांड में भी वांछित था।
खालिद उर्फ अबू आक़ाशा
यह आतंकी जम्मू-कश्मीर में कई हमलों में आरोपी है। इसका कनेक्शन लश्कर-ए-तैयबा से था। यह अफगानिस्तान से हथियारों की तस्करी का बड़ा नेटवर्क चलाता था। बता दें कि उसका अंतिम संस्कार फैसलाबाद में हुआ।
मोहम्मद हसन ख़ान
यह मुफ्ती असग़र ख़ान कश्मीरी था, जो पीओके में जैश का ऑपरेशनल कमांडर था। इन्होंने जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों के समन्वय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था।
पाकिस्तान में इन आतंकियों को राजकीय सम्मान और सैन्य उपस्थिति के साथ अंतिम विदाई दी गई। इससे यह साफ होता है कि पाकिस्तान की सेना और सरकार आतंकियों को सुरक्षा देती है। बल्कि आंतरिक समर्थन भी प्रदान करती है।