नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में प्रचार के लिए रण में उतर आए है, छपरा के बाद समस्तीपुर पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि जंगलराज के युवराज को तो आप देख ही रहे हैं. कांग्रेस पार्टी का दायरा भी अब सिर्फ अपने परिवार तक ही सीमित होकर रह गया है।
बिहार को फिर बीमार होने से बचाना है:
प्रधानमंत्री ने मोतिहारी में तीसरी बार कहा कि जिस चीज को इस्तेमाल करने से आप को तकलीफ हुई है, क्या आप उस चीज को दोबारा इस्तेमाल करेंगे. चाहे उसका रंग-रूप कितना भी नया क्यों न हो? क्या आप फिर से उसको पसंद करेंगे. पीएम ने कहा कि ये नया चीज नये पैकेज में कितना भी अच्छा क्यों न हो, आप इसे 5 साल,10 साल, 20 साल बाद इसे इस्तेमाल करेंगे. पीएम ने कहा कि बिहार को बीमार बनाने वालों को आप दोबारा नहीं लाएंगे. इसका वादा कीजिए।
PM बोलें, जंगलराज का अंधेरा बिहार पीछे छोड़ चुका है, अब नई रोशनी में डबल इंजन की ताकत के साथ विकास का लाभ हमें बिहार के हर व्यक्ति तक पहुंचाना है। जंगलराज वालों ने अगर कभी आपकी चिंता की होती तो बिहार विकास की दौड़ में इतना पिछड़ता नहीं. सच्चाई ये है कि इन्हें न पहले आपकी चिंता थी और न ही आज है. इनकी चिंता कुछ और है. जंगलराज वालों को चिंता है कि अपनी बेनामी संपत्ति कैसे छिपाएं।
- दूसरे चरण के चुनावी रण में पीएम मोदी
- बिहार में दूसरे चरण का चुनाव
- छपरा में PM मोदी की रेली
- समस्तीपुर पहुंचे PM
PM ने कहा, बिहार के युवाओं को बिहार में ही अच्छा और सम्मानजनक रोजगार मिले ये बहुत जरूरी है. सवाल ये है कि ये कौन दिला सकता है? वो लोग जिन्होंने बिहार अंधेरे और अपराध की पहचान दी! वो लोग जिनके लिए रोजगार देना करोड़ों की कमाई का माध्यम है!
बिहार के जो श्रमिक परिवार दूसरे राज्यों से लौटे हैं, उनके राशन से लेकर रोजगार तक के लिए इस दौरान गरीब कल्याण रोजगार अभियान चलाया गया है. कटाई और खरीद के साथ-साथ लॉकडाउन के दौरान बुवाई के लिए भी किसानों को हर जरूरी सुविधा उपलब्ध कराई गई है। NDA का प्रयास है कि हम बिहार के अपने गरीब भाइयों बहनों को ज्यादा से ज्यादा पक्के घर कैसे दे सकें. जंगलराज वालों को चिंता है कि अपनी तिजोरी कैसे भरें. हमारी प्राथमिकता है कि बिहार के किसानों को, श्रमिकों को, बुजुर्गों को पैसे सीधे उनके बैंक खाते में डाल सकें.
पीएम मोदी ने मोतीहारी में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, जंगलराज की हालत तो ये थी कि जो उद्योग, जो चीनी मिले, दशकों से चंपारण और बिहार का अहम हिस्सा रही हैं, वो भी बंद हो गईं. अब तो इस चुनाव में जंगलराज वालों के साथ नक्सलवाद के समर्थक, देश के टुकड़े-टुकड़े करने की चाहत रखने वालो के समर्थक भी शामिल हो गए हैं।
बिहार की महिलाएं, माताएं-बहनें खुले में शौच में जाने के लिए मजबूर थीं, उनकी सुरक्षा पर खतरा रहता था, लेकिन जंगलराज वाले, जंगल जैसे हालात बनाए रखना चाहते थे. एनडीए की सरकार ने बिहार की माताओं-बहनों के लिए लाखों शौचालय बनाकर उनकी परेशानी कम करने का प्रयास किया है।