भोपाल : मध्य प्रदेश के एक फार्मेसी कॉलेज की 18 वर्षीय छात्रा ने लगभग साढ़े सात साल पहले रैगिंग का शिकार होने के बाद अपने घर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। अब भोपाल की एक अदालत ने छात्रा के कॉलेज के चार सीनियर छात्राओं को दोषी ठहराया है और उन्हें पांच साल की जेल की सजा सुनाई है।
पांच साल की जेल
अतिरिक्त जिला न्यायाधीश अमित रंजन समाधिया की अदालत ने 18 वर्षीय लड़की की आत्महत्या के लिए दोषी मानते हुए चार छात्राओं को दोषी ठहराया और उनमें से प्रत्येक को पांच साल की जेल की सजा और प्रत्येक को 2000 रुपये का जुर्माना देने के लिए कहा गया है। इस मामले के पांचवें आरोपी, फार्मेसी कॉलेज के संकाय सदस्य मनीष गुप्ता को अदालत ने उसके खिलाफ निर्णायक सबूतों की अभाव में बरी कर दिया।
अनीता शर्मा ने लगाई थी फांसी
शासन की तरफ से मामले की पैरवी कर रहे एजीपी खालिद कुरैशी ने बताया कि छह अगस्त 2013 को कमलानगर थाना इलाके में रहने वाली अनीता शर्मा ने घर में फांसी लगा ली थी। वह आरकेडीएफ कॉलेज में बीफार्मा प्रथम वर्ष की छात्रा थी। पुलिस ने मौके से एक सुसाइड नोट बरामद किया था। छात्रा के परिवार वालों के बयान और सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने कॉलेज की चार छात्राओं और एक शिक्षक के खिलाफ खुदकुशी के लिए उकसाने का केस दर्ज किया था।