उत्तर प्रदेश के बरेली में बवाल करने वालों की डेंटिंग-पेंटिंग क्या शुरू हुई।कट्टरपंथी गैंग की साज़िश एक-एक करके बेपर्दा होने लगी है,शुक्रवार को हिंसा अचानक नहीं भड़की थी,बल्कि इसके लिए मौलाना तौकीर रजा के चेले नदीम ने पूरी प्लानिंग की थी,जांच में खुलासा हुआ है कि नदीम ने 55 लोगों को व्हाट्सऐप पर कॉल की और इन्हीं 55 लोगों ने 1600 लोगों की भीड़ इकट्ठा की थी ,बरेली में बलवा क्यों हुआ? किसने करवाया? यह तो उसी वक्त साफ हो गया था..लेकिन बवाल किसके जरिए और कैसे किया गया इसका भी पर्दाफाश योगी फोर्स ने कर दिया.. शहर में अचानक भड़की हिंसा किसी सामान्य वजह से नहीं हुई, बल्कि यह सोची-समझी साजिश का नतीजा थी। पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि इत्तेहाद-ए-मिल्लत कौंसिल (आईएमसी) के पूर्व जिलाध्यक्ष नदीम खां ने इस पूरे घटनाक्रम को रचा। नदीम ने 55 चुनिंदा लोगों को वॉट्सऐप कॉल की थी और इन्हीं के जरिये 1600 लोगों की भीड़ इकट्ठा की गई।
बरेली हिंसा मामले में मौलाना तौकीर रजा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने मौलाना तौकीर रजा को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. मौलाना तौकीर राजा इत्तेहाद ए मिल्लत काउंसिल प्रमुख है. आई लव मोहम्मद को लेकर तौकीर राजा ने विवाद खड़ा किया था. तौकीर रजा आई लव मोहम्मद मामले को लेकर प्रदर्शन का ऐलान किया था. बरेली में मौलाना तौकीर रजा की ऐलान के बाद हिंसा हुई थी. थाना कोतवाली, थाना प्रेम नगर और थाना किला में कई मुकदमे दर्ज हुए हैं. पुलिस तौकीर रजा को बरेली घटना का मास्टरमाइंड मान रही है. पुलिस को Toolkit, व्हाट्सऐप चैट्स, सोशल मीडिया पोस्ट, हथियार, कॉल डिटेल्स और CCTV फुटेज के रूप में कई सबूत मिले हैं, जिनके आधार पर पुलिस की जांच आगे बढ़ेगी |
पुलिस की पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ है कि हिंसा की साजिश सीएए-एनआरसी विरोध प्रदर्शनों की तर्ज पर रची गई थी। उस दौरान जैसे नाबालिगों को आगे किया गया था, ठीक वैसे ही इस बार भी नाबालिगों को भीड़ का चेहरा बनाने का प्लान था। यही लोग पहले खलील स्कूल तिराहे और फिर श्यामगंज में माहौल बिगाड़ने में सक्रिय दिखे| नदीम की भूमिका शुरुआत से ही संदिग्ध रही। गुरुवार रात वह नफीस और लियाकत के साथ पुलिस के पास पहुंचा और आश्वस्त किया कि शुक्रवार को कोई प्रदर्शन नहीं होगा। उसने यह भी भरोसा दिलाया कि सुबह पांच बजे आईएमसी समर्थकों को संदेश भेजकर शांतिपूर्ण ढंग से मस्जिदों में नमाज पढ़ने के लिए कहेगा। लेकिन उसी रात दो बजे उसने आईएमसी ग्रुप में पुलिस को दिया पत्र पोस्ट कर लिखा कि यह नकली है। इसके बाद उसने मोबाइल फोन बंद कर दिया और लापता हो गया। शुक्रवार दोपहर नमाज के वक्त वह अचानक सक्रिय हुआ और आईएमसी के प्रभाव वाले इलाकों में भीड़ जुटाने के लिए संदेश भेजा।
शुक्रवार की हिंसा के बाद पुलिस ने कार्रवाई तेज की। आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और उनसे पूछताछ में पूरी साजिश का खुलासा हुआ। पुलिस का कहना है कि मौलाना तौकीर रजा खां की असली मंशा केवल ज्ञापन देने की नहीं थी, बल्कि इस्लामिया मैदान में अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर शक्ति प्रदर्शन करना था।हिंसा के बाद जब पुलिस ने मौलाना तौकीर रजा खां का आपराधिक इतिहास खंगालना शुरू किया तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। पता चला कि 1982 से लेकर 2000 तक उनके खिलाफ दर्ज पांच मुकदमों से संबंधित फाइलें अदालत से ही गायब हो गई हैं।
रिकॉर्ड के मुताबिक, मौलाना तौकीर पर पहला मुकदमा वर्ष 1982 में कोतवाली थाने में दर्ज हुआ था। उस पर दंगे सहित कई गंभीर धाराओं में केस बना। इसके बाद 1987 से 2000 तक अलग-अलग मामलों में चार मुकदमे और दर्ज हुए। इनमें आपराधिक विश्वासघात, महिला से दुष्कर्म की नीयत से हमला, दंगा और मारपीट जैसे गंभीर आरोप शामिल थे।
सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर अदालत से इतनी अहम पत्रावलियां कैसे और क्यों गायब हुईं? पुलिस और प्रशासन की संयुक्त जांच से यह राज खुल सकता है। विशेषज्ञ मानते हैं कि फाइलों का गायब होना किसी प्रभाव या दबाव का नतीजा हो सकता है। इतना ही नहीं, वर्ष 2019 में भी मौलाना तौकीर पर कोतवाली थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। आरोप था कि उन्होंने लोकसेवक का आदेश नहीं माना और आपराधिक धमकी दी। लेकिन छह साल बीत जाने के बावजूद इस केस की विवेचना अब तक पूरी नहीं हो सकी। इससे प्रशासनिक लापरवाही भी उजागर होती है।
बरेली हिंसा में अब तक मौलाना तौकीर रजा समेत कुल 27 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं..पुलिस ने जो 11 एफआईआर दर्ज की है उसमें 2000 अज्ञात लोगों को भी आरोपी बनाया गया है..मुख्यमंत्री कह चुके हैं कि बरेली के एक-एक गुनहगार की डेंटिंग पेंटिंग होगी..यानी अभी तो सिर्फ तौकीर रजा की गिरफ्तारी भर हुई है.. अभी तो उसके शागिर्द नदीम खान और उसके कट्टरपंथी गैंग के 55 आत्मघातियों का हिसाब होना बाकी है |