CBI ने जाल बिछाया और सेक्टर-21, चंडीगढ़ में DIG के बिचौलिए कृष्णु को ₹8 लाख लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया. मोहाली स्थित उनके कार्यालय में शिकायतकर्ता बिजनेसमैन आकाश बत्ता को पांच लाख रुपये की रिश्वत देने के लिए बुलाया गया था,जहां CBI पहले से बैठी हुई थी. यह मामला 2023 में दर्ज एक FIR को सेटल करने और शिकायतकर्ता के स्क्रैप व्यवसाय पर आगे की कार्रवाई रोकने के लिए मंथली वसूली से जुड़ा है. ट्रैप के दौरान सीबीआई ने कृष्णु और DIG के बीच कंट्रोल कॉल भी कराई, जिसमें DIG ने पैसे की पुष्टि करते हुए दोनों को अपने OFFICE बुलाया. इसके तुरंत बाद सीबीआई टीम ने DIG हरचरण सिंह भुल्लर को उनके OFFICE से गिरफ्तार कर लिया. मंडी गोबिंदगढ़ के स्क्रैप डीलर अकाश बत्ता ने 11 अक्टूबर को हरचरण सिंह भुल्लर के खिलाफ रिश्वत मांगने और मंथली लेने की शिकायत दी थी। भुल्लर ने एक केस में कार्रवाई नहीं करने के एवज में 8 लाख रुपये रिश्वत मांगी थी, इसके बाद वह हर महीने अपने बिचौलिये कृष्णू को भेजकर मुंह मांगी रकम वसूलते थे। उनकी ही शिकायत पर भुल्लर की गिरफ्तारी हुई. भुल्लर ने मीडिया को बताया कि-
”मेरे खिलाफ 2023 में सरहिंद थाने में FIR नंबर 155 दर्ज हुई थी. इसे निपटाने के लिए मेरे एक जानकार ने कहा कि भुल्लर साहब को पैसे देकर मामला सुलझ जाएगा. वह जानकार भुल्लर के लिए बिचौलिए का काम करता है. शुरुआत में 8 लाख रुपये की मांग की गई, लेकिन बार-बार तंग किया जाने लगा. मेरे पास उनकी रिकॉर्डिंग्स भी हैं. तंग आकर मैंने 11 अक्टूबर को CBI को शिकायत दी.”
बत्ता ने आगे कहा कि आज 5 लाख रुपये लेकर उन्हें देने आया था, तभी CBI ने ट्रैप लगाकर बिचौलिए कृशानू और भुल्लर को गिरफ्तार कर लिया. अगर मैं पंजाब पुलिस में शिकायत करता तो इतने बड़े अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती. मुझे कोई डर नहीं है.
CBI की टीम अब इस पूरे नेटवर्क की परतें खोलने में जुटी है,हो सकता है आने वाले दिनों में और भी बड़े नाम सामने आएं, सवाल ये है कि क्या वर्दी का ये काला चेहरा अकेला है,जनता की सुरक्षा की शपथ लेकर अगर कोई अफसर खुद अपराध की दुनिया का सरगना बन जाए तो फिर भरोसा कहां रहेगा,पंजाब में ये अब तक की की गई सबसे बड़ी और पहली कार्रवाई मानी जा रही है और ऐसे में DIG की गिरफ्तारी के बाद सियासी अखाड़े में दांव देखे जा सकते है ।