बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा 15 दिसंबर को आयुष डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में एक मुस्लिम महिला डॉक्टर नुसरत परवीन के चेहरे से हिजाब (नकाब) खींचने की घटना ने देशव्यापी विवाद खड़ा कर दिया है। वायरल वीडियो में नीतीश कुमार को महिला का हिजाब नीचे खींचते देखा गया, जिसके बाद विपक्ष ने इसे महिला गरिमा का अपमान बताते हुए तीखी आलोचना की। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे महिला सुरक्षा और सम्मान से जुड़ा मामला बताया और मुख्यमंत्री से पश्चाताप की अपील की।
पटना के मुख्यमंत्री सचिवालय ‘संवाद’ में आयोजित कार्यक्रम में 1,283 आयुष डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र बांटे जा रहे थे। जब नुसरत परवीन मंच पर नियुक्ति पत्र लेने आईं, तो नीतीश कुमार ने “ये क्या है?” कहकर उनका हिजाब नीचे खींच दिया। वीडियो में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी उन्हें रोकते नजर आए, जबकि कुछ लोग हंसते दिखे। महिला डॉक्टर असहज हो गईं और बाद में रिपोर्ट्स में कहा गया कि वे नौकरी जॉइन करने से इनकार कर सकती हैं, हालांकि नवीनतम जानकारी के अनुसार वे 20 दिसंबर को ड्यूटी जॉइन करने वाली हैं।
मायावती की प्रतिक्रिया :
रविवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक्स पर पोस्ट कर इस घटना को “दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण” बताया। उन्होंने लिखा, “यह मामला पहली नजर में ही महिला सुरक्षा और सम्मान से जुड़ा होने के कारण मुख्यमंत्री के सीधे हस्तक्षेप से अब तक सुलझ जाना चाहिए था, खासकर जब कई जगहों पर ऐसी अन्य वारदातें सुनने को मिल रही हैं।” मायावती ने आगे कहा कि मंत्रियों की बयानबाजी से विवाद और बढ़ रहा है। उन्होंने सलाह दी कि मुख्यमंत्री इस घटना को सही नजरिए से देखें, इसके लिए पश्चाताप करें और विवाद को यहीं खत्म करने का प्रयास करें।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और विवाद
- विपक्ष का हमला: कांग्रेस और RJD ने इसे “शर्मनाक” और “घिनौना” बताया, नीतीश कुमार की मानसिक स्थिति पर सवाल उठाए और इस्तीफे की मांग की। RJD ने पूछा कि क्या नीतीश जी “100% संघी” हो गए हैं?
- सत्ता पक्ष का बचाव: अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री जमा खान ने इसे “पितातुल्य व्यवहार” बताया, जबकि केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार ने पहचान जांचने के लिए ऐसा किया, जैसे पासपोर्ट या एयरपोर्ट पर होता है। गिरिराज ने विवादास्पद बयान दिया कि महिला नौकरी करे या “जहन्नुम में जाए”।
- अन्य प्रतिक्रियाएं: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने FIR दर्ज कराई। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने इसे महिला की गरिमा पर हमला बताया। पाकिस्तान तक से निंदा

यह घटना महिला अधिकारों, धार्मिक स्वतंत्रता और सार्वजनिक आचरण के मुद्दे को उजागर करती है। कुछ रिपोर्ट्स में डॉक्टर नुसरत के नौकरी छोड़ने की बात आई, लेकिन अधिकारियों ने कहा कि वे ड्यूटी जॉइन करेंगी। झारखंड सरकार ने उन्हें नौकरी का ऑफर भी दिया था।नीतीश कुमार ने अभी तक सार्वजनिक माफी नहीं मांगी है। यह विवाद बिहार की राजनीति को गरमाए रखेगा, खासकर महिलाओं और अल्पसंख्यकों के मुद्दों पर। विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना मुख्यमंत्री की सार्वजनिक छवि को नुकसान पहुंचा सकती है।








