अलका याग्निक का एक गीत है जिसे उदित नारायण ने गाया है…भाई-भाई में अक्सर ये होता है…ये लाइन आज के समय में तेजस्वी और तेजप्रताप के लिए सटीक बैठ रही है…जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहा है वैसे ही राजनीतिक गलियारों में हलचल भी तेज हो गई है। लगातार पार्टियों में उथल-पुथल देखने को मिल रहा है। तो वही इन सब के बीच आरजेडी (RJD) से निकाले गए तेज प्रताप यादव ने अपने ही भाई तेजस्वी यादव को खुली चुनौती दे दी है। जिससे बिहार में एक बार फिर सियासत गरमा गई है। पार्टी से निकाले जाने के बाद तेज प्रताप यादव अपना तेवर दिखाते हुए उन्होंने महुआ विधानसभा से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है और जनता से एक बार फिर मौका मांग लिया है। इस दौरान तेज प्रताप यादव ने भाई तेजस्वी पर सीधा निशाना साधा।
तेज प्रताप ने भाई तेजस्वी को दी चुनौती
तेजस्वी द्वारा खुद को अर्जुन और तेज प्रताप को कृष्ण बताए जाने पर पलटवार करते हुए तेज प्रताप ने कहा, ‘मैंने तेजस्वी को अर्जुन माना था, लेकिन अगर वो सच में अर्जुन है तो मेरी तरह बांसुरी बजाकर दिखाए, तभी मैं मानूंगा।’ उनके इस बयान से ये तो साफ है कि विधानसभा चुनाव में दोनों भाईयों के बीच राजनीतिक दूरियां लगातार गहराती जा रही है। तेज प्रताप यादव ने साफ कहा, ‘अब मेरा चुनाव लड़ना तय है।’
तेजस्वी ने बताया था कृष्ण
बता दें कि दो दिनों पहले तेजस्वी यादव कहा था कि तेज प्रताप उनके कृष्ण हैं और वो उनके अर्जुन हैं वाले बयान पर तेज प्रताप ने दो टूक कह दिया की अर्जुन और कृष्णा वाला रिश्ता याद दिलाने की जरूरत नहीं है और उनका चुनाव लड़ना तय है।
तेज प्रताप ने यह भी कहा कि ‘सामाजिक न्याय का सपना तब तक अधूरा है जब तक लोग तेज प्रताप के साथ नहीं जुड़ते.’ उन्होंने खुद को समाजवादी आंदोलन का सच्चा सिपाही बताते हुए कहा कि अब वक्त आ गया है कि जनता असली सेवक को पहचाने।
आरजेडी की बढ़ेगी मुश्किल ?
तेज प्रताप यादव का यह कदम पारिवारिक विवाद को और बढ़ा सकता है. बता दें कि महुआ वही सीट है जहां से वो पहले विधायक रह चुके हैं और अब दोबारा किस्मत आजमाने को तैयार हैं।