आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को किडनी दान देने वाली उनकी बेटी रोहिणी आचार्य के एक बयान ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। रोहिणी आचार्य ने मायके में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाते हुए बिहार सरकार से यह सुनिश्चित करने की मांग की थी कि “हर बेटी अपने मायके में सुरक्षित महसूस करे।” उनके इस बयान के बाद राज्य की सियासत में अचानक तापमान बढ़ गया और यह मुद्दा राजनीतिक बहस का केंद्र बन गया।
रोहिणी आचार्य की ओर से गुरुवार को सोशल मीडिया पर किए गए इस तीखे पोस्ट ने लालू प्रसाद यादव के परिवार को लेकर भी चर्चाओं को तेज कर दिया। कड़ाके की ठंड के बावजूद यह बयान बिहार की राजनीति में गर्माहट ले आया। रोहिणी के बयान के ठीक एक दिन बाद ही सत्ताधारी जनता दल (यूनाइटेड) ने उन्हें सुरक्षा देने की पेशकश कर दी। जेडीयू की इस पहल को राजनीतिक रूप से अहम माना जा रहा है, हालांकि इस पूरे मामले पर आरजेडी और लालू परिवार ने फिलहाल चुप्पी साध रखी है।
इस बीच विवाद ने तब और तूल पकड़ लिया जब तेज प्रताप यादव का बयान सामने आया। राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और जन शक्ति जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेज प्रताप यादव ने अपनी बहन रोहिणी आचार्य के बयान का खुलकर समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि रोहिणी ने जो सवाल उठाए हैं, वे केवल एक परिवार से जुड़े नहीं हैं, बल्कि पूरे बिहार की महिलाओं की सुरक्षा से संबंधित हैं।
तेज प्रताप यादव ने रोहिणी की सुरक्षा मांग को जायज बताते हुए बिहार की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि अगर एक राजनीतिक परिवार की बेटी को सुरक्षा की चिंता है, तो आम महिलाओं की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। तेज प्रताप के इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में चर्चाएं और तेज हो गई हैं।
कुल मिलाकर, रोहिणी आचार्य के एक सोशल मीडिया पोस्ट ने न सिर्फ लालू परिवार बल्कि बिहार की कानून-व्यवस्था और महिला सुरक्षा के मुद्दे को एक बार फिर सियासी बहस के केंद्र में ला दिया है।











