मध्य सीरिया के ऐतिहासिक शहर पाल्मायरा के पास 13 दिसंबर 2025 को एक चौंकाने वाला हमला हुआ। इस्लामिक स्टेट (ISIS) से जुड़े एक अकेले हमलावर ने अमेरिकी और सीरियाई फोर्सेस की संयुक्त गश्त पर घात लगाकर फायरिंग शुरू कर दी। इस हमले में अमेरिका के दो सैनिक और एक सिविलियन दुभाषिया मारे गए, जबकि तीन अन्य अमेरिकी सैनिक घायल हो गए।अमेरिकी सेंट्रल कमांड (CENTCOM) ने आधिकारिक बयान में इसकी पुष्टि की। हमला उस समय हुआ जब अमेरिकी सैनिक सीरियाई अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण मीटिंग (की लीडर एंगेजमेंट) कर रहे थे। उद्देश्य ISIS के खिलाफ चल रहे अभियानों को मजबूत करना था।
हमलावर को सीरियाई पार्टनर फोर्सेस ने तुरंत मार गिराया। यह बशर अल-असद की सरकार गिरने (दिसंबर 2024) के ठीक एक साल बाद अमेरिकियों पर पहला घातक हमला है।राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने ट्रुथ सोशल पर लिखा, “यह ISIS का अमेरिका और सीरिया दोनों पर हमला था। यह एक खतरनाक इलाके में हुआ। सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शर्रा इस घटना से बेहद गुस्से में हैं। बहुत गंभीर बदला लिया जाएगा।” ट्रंप ने मारे गए तीनों को “महान देशभक्त” बताया और घायलों के जल्द ठीक होने की कामना की।रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने भी गुस्से में बयान दिया: “इस वहशी हमलावर को पार्टनर फोर्सेस ने मार गिराया। याद रखो, अगर तुम अमेरिकियों को निशाना बनाओगे, तो अमेरिका तुम्हें ढूंढकर बेरहमी से खत्म कर देगा।”ISIS को 2019 में सीरिया से लगभग खत्म कर दिया गया था, लेकिन उसके छिपे सेल अभी भी सक्रिय हैं।
अमेरिका के करीब 900-2000 सैनिक सीरिया में तैनात हैं, जो नई सीरियाई सरकार के साथ मिलकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ रहे हैं। यह घटना सीरिया में अस्थिरता और ISIS के बचे खतरे की याद दिलाती है। ट्रंप की चेतावनी से लगता है कि अमेरिका बड़ा जवाबी एक्शन ले सकता है। मारे गए अमेरिकियों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना। क्या अमेरिका को और मजबूत कार्रवाई करनी चाहिए? यह घटना क्षेत्रीय शांति के लिए चुनौती है।












