समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर से कई बार विधायक रह चुके आज़म ख़ान आखिरकार 23 महीने बाद जेल से बाहर आ गए। लंबे समय से चल रहे कानूनी मामलों और जमानत याचिकाओं पर सुनवाई के बाद उन्हें राहत मिली और अदालत ने उनकी रिहाई का रास्ता साफ किया। उनकी रिहाई की खबर रामपुर समेत पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गई।
आज़म ख़ान के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज थे, जिनमें ज़मीन कब्ज़ा, धोखाधड़ी और अन्य आपराधिक मामले शामिल रहे। इन मामलों के चलते उन्हें लम्बे समय तक जेल में रहना पड़ा। लगातार अदालत में अपीलों और जमानत याचिकाओं के बाद आखिरकार न्यायालय ने उन्हें ज़मानत प्रदान की।जेल से बाहर आने के बाद आज़म ख़ान का कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने जोरदार स्वागत किया। उनके समर्थकों का कहना है कि यह सच्चाई की जीत है और राजनीतिक कारणों से उन्हें निशाना बनाया गया था। वहीं, राजनीतिक हलकों में यह रिहाई आने वाले चुनावी समीकरणों को भी प्रभावित कर सकती है।
आज़म ख़ान समाजवादी पार्टी के पुराने और कद्दावर नेता माने जाते हैं। उनकी छवि एक मजबूत मुस्लिम नेता की रही है और रामपुर में उनका गहरा राजनीतिक असर है। लंबे समय तक जेल में रहने के कारण उनकी राजनीतिक जमीन पर असर पड़ा, लेकिन उनकी रिहाई से सपा को मजबूती मिलने की संभावना जताई जा रही है।
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि रिहाई के बाद आज़म ख़ान की राजनीति की दिशा क्या होगी। क्या वे सक्रिय राजनीति में दोबारा पहले जैसी भूमिका निभा पाएंगे या फिर धीरे-धीरे पीछे हटेंगे? फ़िलहाल इतना तय है कि उनकी रिहाई ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नया उत्साह और हलचल पैदा कर दी है।