रश्मि सिंह|Amit Shah Birthday: आज 22 अक्टूबर को गृह मंत्री अमित शाह अपनी 59वां जन्मदिन मना रहे हैं। उनका जन्म 22 अक्टूबर 1964 को मुंबई में श्रीमती कुसुमबेन और श्री अनिलचंद्र शाह के संपन्न गुजराती परिवार में हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को गृह मंत्री अमित शाह को उनके 59वें जन्मदिन पर बधाई दी और कहा कि वह देश की प्रगति के लिए कई प्रयास कर रहे हैं। इसी के साथ ही भाजपा के कई नेताओ नें भी पूर्व अध्यक्ष अमित शाह को बधाई दी।
पीएम ने ट्वीट कर बधाई दी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा- ‘अमित शाह को जन्मदिन की बधाई! भारत के गृह मंत्री के रुप में वह हमारे देश की प्रगति के लिए कई प्रयास कर रहे हैं। वह महत्वपूर्ण सहकारिता क्षेत्र में सुधार के लिए भी सराहनीय कार्य कर रहे हैं। वह हमारे राष्ट्र की सेवा में एक लंबा और स्वस्थ जीवन व्यतीत करें।’
नेताओं ने भी दी बधाई
शाह को बधाई देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा- ‘शाह भारत की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए समर्पित तरीके से काम कर रहे हैं और वह उन्हें सौंपी गई हर जिम्मेदारी का कुशलतापूर्वक निभाते है,’ केंद्रीय मंत्रियों नितिन गडकरी और भूपेंद्र यादव ने भी गृह मंत्री को जन्मदिन दी बधाई दी।
अमित शाह की जिंदगी से जुड़े अनसुनी किस्से
- अमित शाह के परिवार का राजनीति से कोई तालुक नहीं था। उनके पिता एक बड़े व्यापारी थे। शाह बचपन से ही RSS संघ से जुड़े हुए थे। पढ़ाई के दिनों में उन्होंने ABVP के साथ भी काम किया।
- शाह ने भाजपा से जुड़ने से पहले स्टाक ब्रोकर का काम किये थे। उन्हें 1995 में गुजरात राज्य वित्त विगम का चेयरपर्सन चुना गया था। उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल थे।
- पीएम मोदी के साथ शाह की पहली मुलाकात 1982 में अहमदाबाद में हुई थी। उस समय मोदी RSS के प्रचारक थे।
- शाह को 1991 में लालकृष्ण आडवाणी और 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी के चुनाव प्रचार की कमान सौंपी गई, जिसमें उन्होंने बेहतरीन काम किया। यहीं से वे चुनावी प्रबंधक और कुशल रणनीतिकार के रुप में उभरे थे।
- गुजरात में 1997 में सरखेज सीट पर हुए उपचुनाव में जीतकर शाह पहली बार विधायक बने। उन्होंने 1998, 2002 और 2007 में भी लगातार जीत दर्ज कर विधानसभा पहुंचे।
साल 2002 में जब गुजरात में नरेन्द्र मोदी मुख्यमंत्री बने उन्होंने शाह को अपने मंत्रिमंडल में जगह दी। उन्हें कई बड़े मंत्रालयों की कमान सौंपी गई। - अमित शाह पर 2010 में सोहराबुद्दीन फर्जी एनकाउंटर का आरोप लगा। उस समय वे गुजरात के गृह मंत्री थे। मामला इतना बढ़ा कि उन्हें इस्तीफा तक देना पड़ा । उन्हें गिरफ्तार भी किया गया। हालांकि बाद में सबूतों के अभाव में उन्हें बरी कर दिया गया।
- शाह के कुशल प्रबंधन और अचूक रणनीति का नतीजा था कि भाजपा ने 2014 में उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से 73 पर जीत दर्ज की थी।
- मौजूदा समय में शाह-मोदी की जोड़ी का तोड़ विपक्षी दलों में से किसी के पास भी नहीं है।