Shabir Shah Bail Plea Rejected : दिल्ली हाईकोर्ट ने टेरर फंडिंग मामले में गिरफ्तार अलगाववादी नेता शब्बीर अहमद शाह को बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने अहमद शाह की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत ने 28 मई 2025 को सुनवाई पूरी होने के बाद इस मामले में यह फैसला सुरक्षित रख लिया था। जिसे आज दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनाया है।
28 मई को रखा था फैसला सुरक्षित
शब्बीर शाह के वकील ने सुनवाई के दौरान बताया कि “शाह की उम्र करीब 74 साल है। वह पिछले 6 महीने से जेल में बंद है। वकील ने इस मामसे में दलील दी की अब तक उनके खिलाफ कोई अपराध साबित नहीं हुआ है। वकील ने अदालत से उन्हें राहत देने की अपील की थी। एनआईए द्वारा दाखिल चार्जशीट के मुताबिक, इस मामले में कुल 400 गवाहों की गवाही होनी है. लेकिन अब तक केवल 15 गवाहों की ही जांच पूरी हो सकी है। बचाव पक्ष ने इस आधार पर जमानत मांगी थी कि ट्रायल लंबा चल सकता है। साथ ही न्याय मिलने में देरी हो सकती है।
अदालत ने जमानत याचिका की खारिज
बता दें कि शब्बीर शाह को 4 जून 2019 में एनआईए ने गिरफ्तार किया था। एनआईए का आरोप है कि शाह हवाला के जरिए पाकिस्तान से पैसे मंगवाकर जम्मू-कश्मीर में आतंक और अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा था। एनआईए ने आरोप लगाया है कि शब्बीर शाह का संपर्क पाकिस्तान के कुख्यात आतंकियों जैसे सैय्यद सलाउद्दीन, हाफिज सईद और इफ्तिखार हैदर राणा से था। एजेंसी का दावा है कि इन आतंकियों के माध्यम से शाह को हवाला फंडिंग मिलती था। जिससे कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियां संचालित होती थीं।
अदालत ने सभी तर्कों को सुनने के बाद कहा कि “यह मामला गंभीर है और आरोपी के खिलाफ प्रथम दृष्टया मजबूत सबूत मौजूद हैं। ऐसे में उन्हें जमानत देना न्याय प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है। इसी आधार पर जमानत याचिका खारिज की जा सकती है।”