संसद शीतकालीन सत्र: ‘विकसित भारत-जी राम जी’ बिल पर घमासान, विपक्ष ने बताया किसान-मजदूर विरोधी; गडकरी-बनर्जी की मजाकिया मुलाकात ने लाया हल्का पलनई दिल्ली, 18 दिसंबर 2025: संसद के शीतकालीन सत्र में अब महज तीन दिन शेष हैं। यह सत्र 19 दिसंबर को समाप्त हो जाएगा। बुधवार को लोकसभा में ‘विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण)’ यानी VB-G RAM G बिल (लोकप्रिय रूप से ‘जी राम जी’ बिल) पर करीब 6 घंटे तक तीव्र बहस हुई। यह बिल मनरेगा की जगह लेने वाला प्रस्तावित कानून है, जिसमें ग्रामीण परिवारों को 100 की बजाय 125 दिन रोजगार की गारंटी दी गई है।
शिवराज सिंह चौहान ने पेश किया बिल, बताए फायदे
बिल पेश करने से पहले केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सदन को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि यह सदन ‘ईंटगारों का भवन नहीं, संसद का मंदिर’ है और चर्चा धैर्य से सुननी चाहिए। मंत्री ने बिल के फायदों का जिक्र करते हुए इसे विकसित भारत 2047 के लक्ष्य से जोड़ा। बिल में डिजिटल और बायोमेट्रिक आधारित पंजीकरण, खेती से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता और राज्यों की भागीदारी बढ़ाने जैसे प्रावधान हैं।
विपक्ष का तीव्र विरोध: मजदूर-किसान विरोधी और गांधी का अपमान
विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस ने बिल को राज्यों के अधिकारों पर हमला और महात्मा गांधी के सम्मान से जुड़ा मुद्दा बताया। कांग्रेस सांसद जय प्रकाश ने इसे मजदूर विरोधी करार दिया और बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार को घेरा। विपक्ष का आरोप है कि बिल सिर्फ नाम बदलने तक सीमित नहीं, बल्कि योजना की मूल संरचना में बड़े बदलाव किए जा रहे हैं, जैसे फंडिंग में राज्यों का बोझ बढ़ाना और केंद्र का नियंत्रण अधिक करना। सदन में शोर-शराबे और हंगामे के बीच बहस चली।
संसद बाहर का मजेदार पल: गडकरी और कल्याण बनर्जी की हंसी-मजाक
हंगामे के बीच संसद भवन के बाहर एक हल्का-फुल्का माहौल देखने को मिला। टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मजाकिया अंदाज में घुसपैठियों का मुद्दा उठाया। बनर्जी ने पूछा कि प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा एक करोड़ घुसपैठियों का जिक्र किया गया था, लेकिन बंगाल में एक भी घुसपैठिया मिला? आगे बढ़ते गडकरी को रोककर बनर्जी ने कहा, “इतनी गाड़ियां लेकर क्या करेंगे, एक-दो हमको भेज दीजिए।” इस पर दोनों हंस पड़े और ठहाके गूंजे। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जो राजनीतिक कटुता के बीच दुर्लभ हंसी का पल था।
स्पीकर ओम बिरला की सांसदों की सेहत पर चिंता
बहस के दौरान सांसदों की सेहत का मुद्दा भी उठा। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने बीमार सांसदों का जिक्र करते हुए सदन की कार्यवाही में सभी की भागीदारी की कामना की।सत्र के अंतिम दिनों में यह बिल प्रमुख मुद्दा बना हुआ है। विपक्ष इसे स्थायी समिति को भेजने की मांग कर रहा है, जबकि सरकार इसे इसी सत्र में पास कराने की कोशिश में है।
(जनतंत्र टीवी की विशेष रिपोर्ट)








