नई दिल्ली- भारतीय सेना ने पाकिस्तान को एक बार नहीं बल्कि कई बार मैदान-ए-जंग में परास्त किया है, लेकिन पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आता है। आज से 20 साल पहले यानी 1999 में भी पाकिस्तान ने अपना असली रंग दिखाया था और हर बार की तरह भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेनी को बुरी तरह पटखनी दी थी। जी हां, हम बात कर रहे हैं 1999 में हुए करगिल युद्ध (Kargil War) की।
भारतीय सेना ने तिरंगा लहराया
बता दें कि 26 जुलाई 1999 को कारगिल युद्ध में तिरंगा लहराया था। इस युद्ध में भारतीय सेना के कई जवानों ने देश की रक्षा के लिए अपने पराण न्यौछावर कर दिए थे और उन्हीं शहीद जवानों की याद में हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है। भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल युद्ध 50 दिन से ज्यादा चला था, जिसमें भारतीय सेना पाकिस्तान को पटखनी दी थी।
वायुसेना की अहम भूमिका
कारिगल युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तान पर फतह हासिल की थी और इसमें भारतीय वायुसेना का काफी अहम योगदान था। पाकिस्तान के कब्ज़े वाली जगहों पर वायुसेना ने थल सेना के साथ मिलकर काम किया था। थलसेना और वायुसेना ने मिलकर पाकिस्तान को सीमा पार खदेड़ा था।
1. पाकिस्तान सीमा कई हजारों की ऊंचाई पर थी और भारतीय सेना काफी नीचे थी। ऐसे में भारतीय सेना को पाकिस्तान से मुकाबला करने में काफी मुश्किल का सामना करना पड़ा था। इस युद्ध में भारतीय सेना के 527 जवान शहीद और एक हजार से ज्यादा जवान घायल हुए थे।
2. कहा जाता है कि कारगिल में पाकिस्तान सेना के कब्जे की खबर हमारी सेना को तीन मई 1999 को मिली थी।
3. पाकिस्तानी सेना को सीमा पार खदेड़ने के लिए भारतीय सेना ने जो ऑपरेशन चलाया था, उसका नाम ऑपरेशन विजय रखा गया था।
4. करीब 60 दिनों में भारतीय सेना पाकिस्तानी सीमा को खदेड़ने में कामयाबी मिली थी। इस युद्ध में पाकिस्तान के तीन हजार से ज्यादा सैनिक मारे गए थे। इस बात को पाकिस्तान झूठलाने की कोशिश करता है।
5. इस युद्ध में भारत के 527 जवान शहीद और एक हजार से ज्यादा जवान घायल हुए थे।
6.1999 में देश में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार थी।