Uttar Pradesh Power Corporation के लाखों कर्मचारियों के भविष्य के साथ बड़ा खिलवाड़ हुआ है। उनके भविष्य निधि के पैसे डिफॉल्टर कंपनी DHFL में लगा दिए गए। वहीं मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। यह जनतंत्र टीवी की खबर का ही बड़ा असर है, कि पहले मामले में कार्रवाई करते हुए महाप्रबंधक को हटा दिया गया है, वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर दो लोगों की गिरफ्तारी हुई है।
UPPCL और DHFL के बीच इस विवादित करार ने लाखों विद्युत कर्मचारियों का भविष्य अंधेरे में धकेल दिया है। लाखों कर्मचारियों के भविष्य से धोखे की ये साजिश कैसे रची गई। मुंबई स्थित विवादास्पद कंपनी, दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड यानि DHFL के साथ उत्तर प्रदेश सरकार के साल 2014 में हुए करार को लेकर लखनऊ में हड़कंप मचा हुआ है।
राज्य सरकार के उप्र विद्युत निगम लिमिटेड ने एक विवादास्पद निर्णय के तहत अपने कर्मचारियों के 2,631 करोड़ रुपये के फंड का DHFL में निवेश किया ये वही कंपनी है। जिसके प्रमोटरों से हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय ने दाऊद इब्राहिम के एक पूर्व सहयोगी इकबाल मिर्ची की एक कंपनी के साथ संबंधों को लेकर पूछताछ की है।
उत्तरप्रदेश राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ के महासचिव राजीव कुमार सिंह ने कर्मचारी भविष्य निधि के पैसे को एक विवादास्पद कंपनी में निवेश करने का मामला जोर-शोर से उठाया है। UPPCL के चेयरमैन को लिखे एक पत्र में उन्होंने कर्मचारियों के सामान्य भविष्य निधि यानि GPF और अंशदायी भविष्य निधि यानि CPF से संबंधित पैसे को निवेश करने के निर्णय पर सवाल उठाया है।
साल 2014 में बिजली कर्मचारियों और अधिकारियों के GPF और CPF निधियों को DHFL को हस्तांतरित करने के विवादित फैसले ने तूल पकड़ लिया है। वहीं सवाल DHFL के अंडरवरर्ल्ड कनेक्शन पर भी है दरअसल दाऊद गिरोह के ज़मीन सौदों का खुलासा करने के बाद ED सनब्लिंक रियल एस्टेट के साथ DHFL के कथित संबंधों की जांच कर रहा है, आपको बता दें कि सनब्लिंक रियल एस्टेट के जरिए ही मिर्ची के कहने पर धनराशि को दुबई पहुंचाया गया था। वहीं DHFL के चेयरमैन कपिल वधावन और उसके भाई धीरज वधावन से हाल ही में ED ने पूछताछ की थी। ED ने रियलिटी फर्म को मोर्टगेज लेंडर के जरिए दिए गए 2,186 करोड़ रुपये से अधिक के लोन के संबंध में पूछताछ की थी।