Bihar Custody Murder : पूर्व Dsp समेत 3 पुलिसकर्मी,5 आरोपी दोषी करार
नई दिल्ली : बिहार (Bihar) के गया (Gaya) में साल 1996 में पुलिस हिरासत में हुई हत्या के मामले में 23 साल बाद फास्ट ट्रैक कोर्ट (Fast track court) ने DSP और 3 पुलिसकर्मियों Policemen समेत 5 आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है।
- पुलिस की मारपीट से मुन्ना की मौत हुई
- पुलिस ने शव Dead body देने से मना किया
- DSP और 3 पुलिस कर्मियों समते 5 लोगों के खिलाफ केस दर्ज
जानकारी के मुताबिक 26 अगस्त 1996 में पुलिस ने तेलबिगहा के मुन्नालाल नाम के व्यक्ति को हिरासत में लेकर पूछताछ की और इसी दौरान पुलिस की मारपीट से मुन्ना की मौत हो गई। वहीं इस मामले की जानकारी दिए बिना पुलिस शव को पोस्टमार्टम (Post mortem) कराए बिना श्मशान घाट लेकर पहुंची वहीं इस मामले की जानकारी परिजनों को मिली को श्मशान घाट (graveyard) पहुंचकर शव घर ले जाने की मांग करने लगे जिसके बाद पुलिस ने शव (Dead body) देने से मना कर दिया और अंतिम संस्कार कर दिया। जिसके बाद परिजनों ने हत्या के मामले में DSP और 3 पुलिस कर्मियों समते 5 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया था
- 5 दोषियों को उम्र कैद की सजा
- 55-55 हजार रुपये का जुर्माना
बता दें कि कोर्ट (court) के जज ने रिटायर्ड डीएसपी (Retired DSP) मुंद्रिका प्रसाद यादव, तीन पुलिसकर्मी शंभू सिंह, समीर सिंह, नंदू पासवान और मेडिकल कॉलेज (Medical college) अस्पताल के कर्मचारी विजय प्रकाश को हत्या के अलावा कई धाराओं में दोषी मानते हुए 5 दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई और 55-55 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।