नई दिल्ली : एक तरफ जब दुनिया में लोग कोरोना वायरस जैसी महामारी से निपटने में लगे हुए है वही दूसरी तरफ अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के बीचोंबीच मौजूद एक गुरुद्वारे पर कायराना हमला हुआ। अरदास के लिए जमा हुए सिख समुदाय के लोगों पर आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। इस हमले में 11 लोगों की मौत हो गई। वही हमले के तुरंत बाद अफगान सुरक्षाकर्मी और विदेशी सुरक्षाबल हरकत में आए।
6 घन्टे तक चली मुठभेड़
बता दें कि ये मुठभेड़ करीब 6 घन्टे तक चली जिसमें 4 आतंकियों को मार गिराया। हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक शहर ने ली है। उधर, तालिबान ने ट्वीट कर कहा हमले में उसका हाथ नहीं है।
सुबह के समय हुआ हमला
ये हमला उस वक्त हुआ जब सुबह लोग सो रहे थे गुरुद्वारे में कई छोटे-छोटे बच्चे भी मौजूद थे हमले के बाद एनकाउंटर के समय कुछ लोग अंदर फंसे रह गए जिसके बाद उन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया लोगों के चेहरे पर साफ साफ डर दिखाई दे रहा था।
गुरद्वारे में मौजूद व्यक्ति ने फ़ोन किया
उधर हमले की जानकारी देते हुए सिख सांसद नरिंदर सिंह खालसा ने कहा कि गुरुद्वारे के अंदर से मौजूद एक व्यक्ति ने उन्हें फोन किया और हमले के बारे में बताया जिसके बाद वह मदद करने के लिए वहां गए। हमले के वक्त अंदर करीब 150 लोग शामिल थे,जिनमे से4 लोगों की तुरन्त मौत हो गई थी, खालसा ने कहा पुलिस हमलावरों को बाहर निकालने का प्रयास कर रही है।
भारत ने हमले की निंदा की
भारत ने इस कायरतापूर्ण हमले की निंदा की है। विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, ‘हम काबुल में एक गुरुद्वारे पर हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हैं। अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों पर ऐसे वक्त में कायरतापूर्ण हमला, हमलावरों और उनका साथ दे रहे लोगों की क्रूरतापूर्ण मानसिकता को दर्शाता है।’ उल्लेखनीय है कि अफगानिस्तान में दो ही गुरुद्वारे हैं। एक जलालाबाद में और एक काबुल में। अफगानिस्तान में 300 से भी कम सिख परिवार रहता है
अल्पसंख्यकों पर पहले भी होते आए हैं हमले
यह अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक पर कोई पहला हमला नहीं है।
We strongly condemns the heinous terror attack on a Gurudwara in Kabul.
Such cowardly attacks on places of worship of minority community especially at this time is reflective of the diabolical mindset of the perpetrators & their backers. @IndianEmbKabul
🔗https://t.co/9Otu8ifoVU— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) March 25, 2020
आतंकी संगठन सिख समुदाय के लोगों को हमेशा डराता और धमकाता रहता है, जिसके डर से कई सिख व हिंदू समुदाय के लोगों ने भारत में शरण ली है। जुलाई 2018 में इस्लामिक स्टेट के आत्मघाती हमलावर ने हिंदुओं और सिखों के काफिले को निशाना बनाकर हमला किया था जिसमें 19 लोगों की मौत हो गई थी।