लखनऊ : राजधानी लखनऊ (Lucknow) में नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) के विरोध में पिछले साल 19 दिसम्बर को हुए हिंसक प्रदर्शन के मामले में पुलिस ने 287 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। इस मामले में 12 थानों में बलवा, तोड़फोड़, आगजनी, मारपीट, लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम व सरकारी कार्य में बाधा समेत अन्य धाराओं में कुल 63 मुकदमे दर्ज किए गए थे। पुलिस ने फोटो व वीडियो की मदद से दंगाइयों की पहचान की थी। करीब पांच महीने तक गिरफ्तारी का दौर चला, जिसमें सैकड़ों लोग जेल भेजे गए थे।
लखनऊ के हजरतगंज, कैसरबाग, खदरा और ठाकुरगंज में हुए थे हिंसक प्रदर्शन
पुलिस कमिश्नर (Police Commissioner Lucknow) सुजीत पाण्डेय (Sujit Pandey) ने बताया कि सीएए के विरोध में हजरतगंज, कैसरबाग, खदरा और ठाकुरगंज समेत अन्य इलाकों में हिंसक प्रदर्शन हुआ था। इसमें उपद्रवियों ने पुलिस चौकी समेत कई सरकारी व निजी वाहनों में आगजनी व तोड़फोड़ की थी। हमलावरों ने जमकर पथराव भी किया था, जिसमें पुलिस व मीडिया कर्मी समेत कई राहगीर घायल हुए थे। बवाल में लोक संपत्ति का भारी नुकसान हुआ था। इस मामले में 12 थानों में कुल 63 मुकदमे दर्ज किए गए थे।
68 आरोपियों के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट और 28 के खिलाफ गुण्डा एक्ट के तहत कार्रवाई
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि प्रकरण में गिरफ्तार किए गए 287 लोगों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट लगाई गई है। इनमें से 68 आरोपियों के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट और 28 के खिलाफ गुण्डा एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। इसी के साथ सम्बंधित प्रकरण में 43 आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है। पुलिस कमिश्नर ने बताया कि हिंसक प्रदर्शन के पीछे पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) समेत कुछ अन्य संगठनों की साजिश का पता चला था। इन संगठनों के पदाधिकारियों को भी गिरफ्तार करके जेल भेजा गया था। पुलिस कमिश्नर के मुताबिक इसमें 18 आरोपियों पर रासुका लगाने की तैयारी की जा रही है।