नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण में 30 सीटों में से 26 पर भाजपा के जीतने के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दावे को तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने खारिज करते हुए रविवार को कहा कि मतगणना के बाद जनता का फैसला पता चल जाएगा। शाह ने दिन में नयी दिल्ली में अपने आवास पर संवाददाता सम्मेलन में यह दावा किया था। हालांकि, ममता ने शाह का नाम नहीं लिया, लेकिन उन्होंने सवाल किया कि चुनाव होने के महज एक दिन बाद ही इस तरह का दावा कैसे किया जा सकता है।
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ममता का अमित शाह पर हमला कहा 30 सीटों पर दावा क्यों नहीं कर देते
मुख्यमंत्री ने नंदीग्राम से लगे चंडीपुर विधानसभा क्षेत्र में एक चुनाव रैली में चुटकी लेते हुए कहा, ‘एक नेता ने आज कहा कि भाजपा पहले चरण की 30 में से 26 सीटों पर जीत हासिल करेगी, सभी 30 सीटों पर दावा क्यों नहीं कर दिया, क्या उन्होंने शेष सीटें कांग्रेस और माकपा के लिए छोड़ दी है?’ ममता ने कहा कि वह किसी तरह का अनुमान नहीं लगाएंगी। उन्होंने कहा कि यह जनता का फैसला है, जो मतगणना के बाद पता चलेगा। बंगाल में आठ चरणों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं और मतगणना दो मई को होगी।
“यह बंगाल है, खेला होबे’ ममता ने कसा चुटकी
उन्होंने कहा, ‘चूंकि 84 प्रतिशत मतदान हुआ है, मैं अंदाजा लगा सकती हूं कि लोगों ने हमारे पक्ष में वोट दिया है।’ तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने भी शाह के संवाददाता सम्मेलन के शीघ्र बाद एक ट्वीट में कहा, ‘माइंड-गेम काम नहीं करेगा, मो-शा (मोदी-शाह के संदर्भ में)’पार्टी के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘सीटों पर अपना अनुमान लगाने का स्टंट गुजरात जिमखाना में करिए। यह बंगाल है। खेला होबे।’ तृणमूल सांसद के पोस्ट में ‘टीएमसी स्वीप्स फेज1’(तृणमूल कांग्रेस प्रथम चरण के चुनाव में सूपड़ा साफ कर देगी) हैश टैग के साथ पार्टी के ‘खेला होबे’ अभियान का भी जिक्र किया गया है।
मममता ने कहा मेरी नजर सब पर है
शाह ने संवाददताओं से कहा कि प्रथम चरण में मतदान प्रतिशत के अधिक रहने से यह संकेत मिलता है कि भाजपा 30 सीटों पर हुए चुनाव में ज्यादातर को अपनी झोली में डालेगी। वहीं, ममता ने लोगों से भूल जाने को कहा कि किसी सीट पर तृणमूल कांग्रेस का उम्मीदवार कौन है। उन्होंने कहा कि हर सीट पर पार्टी की उम्मीदवार वही (तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ही) हैं। नंदीग्राम सीट पर एक अप्रैल को चुनाव होने वाला है। वहां ममता के अलावा 29 अन्य उम्मीदवार हैं।
नंदीग्राम मेंं गद्दारों के चलते यह स्थिति है
ममता ने तृणमूल कांग्रेस के पोलिंग एजेंटों से कहा कि वे किसी भी कीमत पर बूथ नहीं छोड़ें। उन्होंने कहा कि यदि कोई पार्टी के खिलाफ काम करेगा या विपक्षी दलों से पैसे लेगा, तो उन्हें पता चल जाएगा, क्योंकि उनकी नजर सब पर है। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा, ‘‘अन्य स्थानों पर मुझे इस तरह की चीजें होने की आशंका नहीं है, लेकिन यहां गद्दारों के चलते यह स्थिति है।’’
गौरतलब है कि शुभेंदु अधिकारी, उनके पिता शिशिर अधिकारी और उनके एक भाई सौमेंदु ने तृणमूल कांग्रेस छोड़ कर भाजपा का दामन थाम लिया है। ममता ने यह दावा भी किया कि हैदराबाद का एक नेता बंगाल में अल्पसंख्यक वोट बांटने के लिए आया है। उन्होंने जानना चाहा कि दिल्ली और गुजरात में हुए सांपद्रायिक दंगों के दौरान वह कहां थे। एआईएमएआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने बंगाल में कुछ सीटों पर उम्मीदवार उतारने की बात कही थी।
निर्वाचन आयोग को तृणमूल कांग्रेस का पत्र
तृणमूल कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर उससे हाल के उस आदेश को वापस लेने की अपील की है जिसमें चुनाव एजेंट नियुक्त करने के नियम में ढील दी गई है। पार्टी ने आरोप लगाया कि आयोग ने भाजपा की मदद करने के लिए यह कदम उठाया है। मार्च 2009 में निर्वाचन आयोग ने एक व्यवस्था दी थी कि उम्मीदवारों द्वारा जो चुनाव एजेंट नियुक्त किए जाते हैं, वे उसी मतदान केंद्र या उसी निर्वाचन क्षेत्र के पड़ोस के मतदान केंद्रों के मतदाता होंगे। लेकिन हाल ही में इस प्रावधान में बदलाव किया गया और विधानसभा क्षेत्र के किसी भी हिस्से से संबंध रखनेवाले मतदाता को चुनाव एजेंट नियुक्त करने की अनुमति दी गई।
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