नई दिल्ली: कोरोना महामारी के कारण देश त्राहिमाम त्राहिमाम कर रहा है। महामारी का स्वरूप इतना बड़ा हो गया है कि सरकारों के सारे प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। हर इन्सान खुद को बचाना चाहता है। हर तरीका अपनाने को तैयार है। ताजा खबर यह है कि रोज भांप लेकर फेफड़ों को इतना मजबूत बनाया जा सकता है कि वे कोरोना महामारी का सफलतापूर्वक सामना कर सकते हैं।
कोरोना से बचने के लिए वैज्ञानिक शुरू से भांप लेने की वकालत कर रहे हैं। ताजा रिपोर्ट में एक बार फिर इसका पुष्टि हुई है। थर्मल इनएक्टीवेशन आफ सोर्स कोविड वायरस पर किया गया शोध मरीजों के लिए उम्मीद जगाने वाला है। इसमें भाप को कोरोना वायरस को निष्क्रिय करने का कारगर उपचार माना गया है। यह शोध “जर्नल आफ लाइफ साइंस” में प्रकाशित है।
कोरोना काल में आपकी इम्यूनिटी स्ट्रॉंग है या कमजोर ? ऐसे करें पहचान
भाप से होगा फेफड़ों का शुद्धिकरण
इस शोध और अपने अनुभव के आधार पर किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) व संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विंज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआइ) के विशेषज्ञों ने भाप को फेफड़ों का सैनिटाइजर करार दिया है। विशेषज्ञों के अनुसार रोजाना दो से तीन बार पांच मिनट तक भाप लेने से वायरस मात खा सकता है।
जल्द मिलेगी राहत
एसीजीपीजीआइ में माइक्रोबायोलॉजी की विभागाध्यक्ष डा. उज्ज्वला घोषाल कहती हैं कि भाप के इस्तेमाल से खांसी, बंद नाक में भी राहत मिलती है। यह जमा बलगम को पिघला देती है। भाप श्वांस नलियों में रक्त के प्रवाह को बढ़ाकर रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है। साथ ही नाक व गले में जमा म्यूकस को पतला कर देता है। इससे सांस लेने में आसानी महसूस होती है। पर्याप्त आक्सीजन फेफड़ों तक पहुंचने से वह स्वस्थ रहते हैं।