नई दिल्ली: बिहार की राजनीति में एकाएक हलचल बढ़ने लगी है. लोक जनशक्ति पार्टी ( LJP) पर कब्जे की लड़ाई और तेज हो गई है । तीन दिनों से चाचा-भीतीजे के बीच जारी वर्चस्व की जंग अब सड़कों पर पहुंच गई है । चिराग समर्थक दिल्ली में पशुपति पारस के घर के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं पशुपति पारस पार्टी में तानाशाही का आरोप लगा रहे हैं। वहीं, पशुपति पारस का कहना है कि पार्टी में एक पद और एक संविधान का नियम शुरू से चल रहा था, लेकिन पिछले कुछ समय से पार्टी में तानाशाही का माहौल बना हुआ था। ऐसे में उन्होंने यह फैसला लिया है।
चिराग समर्थकों ने चाचा पशुपति पारस के घर के बाहर किया प्रदर्शन
दरअसल, LJP दो गुटों में बंटती नजर आ रही है। पिछले हफ्ते से शुरू हुई सियासी कलह और तेज होती जा रही है। पहले रामविलास पासवान के भाई पशुपति पारस ने पांच सांसदों के साथ मिलकर पार्टी पर अपना कब्जा ठोक दिया और चिराग पासवान को राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से बाहर कर दिया। फिर चिराग पासवान ने पांचों सांसदों को पार्टी से निकाल दिया। लोजपा में जारी घमासान अब बढ़ता जा रहा है, बुधवार को दिल्ली में पशुपति पारस के आवास के बाहर चिराग पासवान के समर्थकों ने प्रदर्शन किया।
पशुपति पारस लोजपा के नए अध्यक्ष बने
गौरतलब है कि बीते रविवार की शाम से ही पार्टी में अंदरूनी कलह शुरू हो गई थी। सोमवार को चिराग पासवान की गैरमौजूदगी में पांचों सांसदों ने संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई और हाजीपुर सांसद पशुपति पारस को संसदीय बोर्ड का नया अध्यक्ष चुन लिया। इसकी सूचना लोकसभा स्पीकर को भी दी गई, अगले दिन लोकसभा सचिवालय से उन्हें मान्यता भी मिल गई।