नई दिल्ली: Subhash Chandra Bose: आज़ादी के जश्न को कुछ ही पल बचे हैं। इस साल भारत अपना 75 वा स्वतंत्रता दिवस बनाने जा रहा है। स्वतंत्रता दिवस का दिन राष्ट्रीय गौरव और सम्मान के रूप में पहचाना जाता है, प्रधान मंत्री हर साल लाल किले से झंडा फहराते हैं और देश को संबोधित करते हैं। स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले, देश के राष्ट्रपति टेलीविजन पर ‘राष्ट्र के नाम संबोधन’ देते हैं। तो वही पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से भाषण को लेकर देशवासियों से सुझाव मांगे थे। जिस पर नेताजी के पोते ने पीएम मोदी को “ओपन लेटर” लिख दिया।
इस बार बोस जी के पोते चंद्र कुमार बोस ने प्रधानमंत्री को 15 अगस्त को देने वाले अपने भाषण में ‘भारत के सच्चे मुक्तिदाता-सुभाष चंद्र बोस’ का उल्लेख करना ना भूलें।’ का सुझाव दिया है।
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Subhash Chandra Bose: वफादारी और निष्ठा को पूरी तरह से नष्ट कर दिया।
बता दें, ओपन लेटर में चंद्र कुमार बोस ने लिखा है, “1857 के बाद से कई लोगों ने हमारी मातृभूमि की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी, लेकिन ब्रिटिश साम्राज्यवाद पर पहला हमला निश्चित रूप से भारतीय राष्ट्रीय सेना की लड़ाई और उसके बाद लाल किले पर आयोजित आईएनए परीक्षणों ने किया। जिसने उनकी वफादारी और निष्ठा को पूरी तरह से नष्ट कर दिया। ब्रिटिश सशस्त्र बलों, जिन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य की नींव को हिलाकर रख दिया। ब्रिटेन को तब एहसास हुआ कि वे अब भारत को नहीं पकड़ सकते” सुभाष चंद्र बोस के पोते ने यहाँ भी कहा कि, “इस सच्चाई की पुष्टि लॉर्ड क्लेमेंट एटली, लॉर्ड माउंटबेटन, डॉ बीआर अंबेडकर, मेजर जनरल जीडी बख्शी, अजीत डोभाल और कई अन्य लोगों ने की है जो सही इतिहास को बताता है।”चंद्र कुमार बोस ने पीएम मोदी से ‘भारत के स्वतंत्रता संग्राम के सच्चे इतिहास’ के रूप में संदर्भित दस्तावेज को प्रकाशित करने की भी अपील की।
Open Letter to the Hon’ble Prime Minister Shri @narendramodi ji, on the occasion of #75YearsIndependence #AzadiKaAmritMahotsav Jai Hind! pic.twitter.com/AkSvylwp3B
— Chandra Kumar Bose (@Chandrakbose) August 13, 2021
बोस की तलवार के साथ टोपी पूरी तरह से ‘सुरक्षित’ है
दरअसल ,चंद्र कुमार बोस ने प्रधानमंत्री मोदी को पहली बार पत्र नहीं लिखा है इससे पहले भी नेताजी के पोते ने यह दावा करते हुए पत्र लिखा था कि सुभाष चंद्र बोस की टोपी, जिसे बोस परिवार ने लाल किले में स्वतंत्रता सेनानी को समर्पित म्यूज़ियम में रखने के लिए भारत सरकार को दिया था, वह अब ‘गायब’ हो गई है, और उसे इधर से उधर किया जा रहा है। हालांकि, भारत सरकार ने जवाब देते हुये कहा था कि बोस की तलवार के साथ टोपी पूरी तरह से ‘सुरक्षित’ है और विक्टोरिया मेमोरियल कोलकाता को दिए गए, नेताजी से संबंधित 24 वस्तुओं में से एक थी। ये नेताजी की 125वीं जयंती के अवसर पर आयोजित प्रदर्शनी के लिए दिए गए थे। भारत सरकार नेयहाँ भी कहा था कि नेताजी की सभी आखरी निशानियों को ‘जल्द’ ही वापस लाया जाएंगे।