जनतंत्र डेस्क Telecom: पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस और सीएनजी-पीएनजी के बढ़ते दामों के बाद अब आपके टीवी देखने पर भी मंहगाई ने बूरी नजर डाल ही दी है। 1 अक्टुबर से टीवू के बिल भी बढ़ने वाले हैं, क्योंकी प्रमुख ब्रॉडकास्टिंग नेटवर्क ने कुछ चैनलों को अपने प्लान या बुके से बाहर कर दिया है। ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि TRAI यानि टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने नए टैरिफ ऑर्डर जारी कर दिए हैं। जिसके बाद अब टीवी देखने वालों को 50 फीसदी ज्यादा खर्च करना पड़ सकता है।
दरअसल, ये मामला साल 2017 से जुड़ा है। जब देश में मोबाइल सर्विसेज और ब्रॉडकास्टिंग को रेग्यूलेट करने वाली संस्था TRAI ने मार्च 2017 में एक फैसला लिया था। जिसमें टीवी चैनलों की कीमत को लेकर नए टैरिफ ऑर्डर यानि NTO जारी किए थे। जिसके बाद TRAI ने मार्च 2020 में एक बार फिर टैरिफ ऑर्डर जारी किया। इसी नए टैरिफ ऑर्डर या NTO की वजह से टेलीकॉम कंपनिया अपने दाम बढ़ा रही हैं। जिसको देखते हुए कुछ बड़े ब्रॉडकास्टिंग नेटवर्क सोनी, जी, स्टार, वॉयकॉम 18 ने कुछ चैनलों को अपने बुके से बाहर कर दिया। इस पर TRAI का कहना है कि साल 2020 में जारी NTO की वजह से दर्शक सिर्फ उन चैनलों को चुन सकते हैं। जिन्हें वो देखना चाहते हैं।
कंपनियों ने की नुकसान की भरपाई
TRAI के नए टैरिफ ऑर्डर में यह शर्त भी लगा दी गई कि बुके देखने की न्यूनतम कीमत 12 रुपये होगी। इससे पहले ब्रॉडकास्टिंग नेटवर्क के किसी बुके में ऑफर किए जाने वाले चैनल की हर महीने की वैल्यू 15 से 25 रुपये के बीच रखी गई थी। ये सुनके आपको लग रहा होगा ये तो सस्ता सौदा हो गया। मतलब कंपनियों को अपने बुके में चैनल की कीमत घटाकर 12 रुपए करना पड़ेगा। लेकिन ऐसा नहीं है।
चूंकि कीमत 15 रुपए से घटकर 12 रुपए आ गई तो कंपनियों को ये नुकसानदेह लगने लगा। इसका तोड़ निकालने के लिए टेलीकॉम कंपनियों ने अपने बुके से पॉपुलर चैनल्स को ही बाहर कर दिया। इस तरह वे उनका अलग से दाम वसूल सकते हैं। बुके का मतलब होता है कई चैनलों का पैक। अब अगर किसी को वो पॉपुलर चैनल देखने हैं तो वो बुके में नहीं मिलेंगे। उसके लिए अलग से पैसा देना होगा। यूं तो ये ये प्लान दर्शकों की भलाई के लिए था, लेकिन अब उन्हें ही मंहगा पड़ गया। नई व्यवस्था 1 दिसंबर से लागू हो जाएगी। ऐसे में पॉपुलर टीवी चैनल देखने के लिए दाम बढ़ना तय है।