जनतंत्र डेस्क, बनारस: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण कर रहे हैं। 800 करोड़ की लागत से बना श्रीकाशी विश्वनाथ धाम पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है। इस विश्वनाथ धाम में श्रद्धालुओं की सुविधाओं और सहूलियतों का खास ध्यान रखा गया है। साथ ही प्राचीन मंदिर के मूल स्वरूप को बरकरार रखा गया है। यह 5 लाख 27 हजार वर्ग फीट से ज्यादा क्षेत्रफल में फैला हुआ है।
कॉरिडोर बनने के बाद अब काशी विश्वनाथ मंदिर आने-वाले श्रद्धालुओं को गलियों और तंग संकरे रास्तों से नहीं गुजरना पड़ेगा। श्रद्धालु गंगा घाट से सीधे कॉरिडोर के रास्ते बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए जा सकते हैं।
लोकार्पण से पहले पीएम मोदी ने काल भैरव मंदिर में पूजा अर्चना की। सुबह करीब 11 बजे पीएम काल भैरव मंदिर पहुंचे। दो दिवसीय काशी दौरे के दौरान पीएम देश भर से आए हुए 2500 संतो-महंतों, धर्माचार्यों, आध्यात्मिक गुरुओं और विशिष्ट लोगों को संबोधित करेंगें। वहीं, करीब शाम 6 बजे मोदी गंगा आरती में शामिल होंगे।
विश्वनाथ धाम से जुड़ी बड़ी बातें
काशी विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है।
काशी विश्वनाथ धाम करीब सवा 5 लाख स्क्वायर फीट में बना हुआ है। इस भव्य कॉरिडोर में छोटी-बड़ी 23 इमारतें और 27 मंदिर हैं।
इस पूरे कॉरिडोर को लगभग 50,000 वर्ग मीटर के एक बड़े परिसर में बनाया गया है। कॉरिडोर को 3 भागों में बांटा गया है। इसमें 4 बड़े-बड़े गेट और प्रदक्षिणा पथ पर संगमरमर के 22 शिलालेख लगाए गए हैं। इन शिलालेखों पर काशी की महिमा का वर्णन है।
इसके अलावा इस कॉरिडोर में मंदिर चौक, मुमुक्षु भवन, तीन यात्री सुविधा केंद्र, चार शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, मल्टीपरपस हॉल, सिटी म्यूजियम, वाराणसी गैलरी जैसी सुख-सुविधाओं की भी व्यवस्था की गई है।
काशी विश्वानाथ धाम में चुनार के गुलाबी पत्थर, मकराना के सफेद मार्बल और वियतनाम के खास पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है।
250 साल के बाद मंदिर का पहली बार भव्य जीर्णोद्धार हुआ है।
इस कॉरिडोर के बनने के बाद श्रद्धालु 50 फीट की सड़क से गंगा किनारे से बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर सकेंगे।
काशी विश्वनाथ धाम में महादेव के प्रिय पौधे रुद्राक्ष, बेल, पारिजात, वट और अशोक लगाए जाएंगे।