जनतंत्र डेस्क, नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ की धर्म संसद में महात्मा गांधी के लिए अपशब्द कहने वाले कालीचरण को रायपुर पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है। खुद को संत कहने वाला कालीचरण धर्म संसद में शामिल होने महाराष्ट्र से आया था। रायपुर पुलिस 2 दिन से कालीचरण के ठिकानों पर दबिश दे रही थी। आखिरकार पुलिस ने उसे मध्यप्रदेश के खजुराहो से गिरफ्तार किया।
गिरफ्तारी से बचने के लिए कालीचरण अपना फोन बंद कर फरार हो गया था। रायपुर पुलिस ने कालीचरण पर कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। जिसमें पुलिस ने राष्ट्रद्रोह का केस भी दर्ज किया है। बताया जा रहा है कालीचरण ने खुद के छिपने के लिए खजुराहो से 25 किमी दूर बागेश्वर धाम में कॉटेज भी बुक किया था। उसके खिलाफ रायपुर, पुणे और अकोला में केस दर्ज किया गया था। गिरफ्तारी के वक्त कालीचरण लॉज में अपने चेलों के साथ आराम फरमा रहा था।
गिरफ्तारी के तरिके से एमपी के मंत्री को आपत्ति
अपने बयानों से सुर्खियों में रहने वाले मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कालीचरण की गिरफ्तारी पर ऐतराज जताया है। उनका कहना है कि एमपी से कालीचरण को गलत तरिके से गिरफ्तार किया गया है। जिसके जवाब में छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि कालीचरण की गिरफ्तारी नियमों के तहत की गई है। वहीं, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने कहा, कालीचरण की गिरफ्तारी से पहले परिवार और वकील को जानकारी दी गई थी।
कालीचरण ने क्या कहा था ?
रायपुर में हुई धर्म संसद में कालीचरण ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को अपशब्द कहे थे। कालीचरण ने कहा, “कोई राष्ट्र का पिता नहीं हो सकता। गांधी ने तो सिर्फ बंटवारा किया है। कालीचरण ने आगे कहा, 1947 में हमने अपनी आंखों से देखा कि कैसे पाकिस्तान और बांग्लादेश पर कब्जा किया गया। मोहनदास करमचंद गांधी ने उस वक्त देश का सत्यानाश किया। नमस्कार है नाथूराम गोडसे को, जिन्होंने उन्हें मार दिया।”