जनतंत्र डेस्क, नई दिल्ली: पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों में 4 राज्यों में भारतीय जनता पार्टी सरकार बनाते हुए नजर आ रही है। उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में बीजेपी ने जीत दोहराई। वहीं, गोवा उत्तराखंड और मणिपुर में भी पार्टी ने बाजी मार ली। इन चुनावों ने बीजेपी पर विश्वसनीयता का दायरा बढ़ा दिया और कांग्रेस ने अपना जनाधार खो दिया।
Election Result: पांच राज्यों के चुनाव में कांग्रेस की हार पर क्या बोले राहुल गांधी
कांग्रेस केवल दो राज्यों राजस्थान और छत्तीसगढ़ तक ही रह गई है। यहां भी अंतर कुछ बड़ा नहीं है। साल 2014 में जब नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने थे तब कांग्रेस 9 राज्यों पर काबिज थी। 2014 के बाद से 45 में से सिर्फ पांच चुनाव जीत पाई है। हमेशा की तरह पांच राज्यों के नतीजों से कांग्रेस नेतृत्व पर बड़ा सवाल उठा दिया है।
अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस ने कांग्रेस के प्रदर्शन पर पार्टी नेताओं से बात की है जिसमें उन्होंने आंतरिक कलह और नेतृत्व की कमी पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस बात के संकेत दिए थे कि आगे की योजनाओं पर चर्चा के लिए जल्द ही पार्टी की कार्यकारी समिति की बैठक होगी। लेकिन, कई नेता इसे लेकर आश्वस्त नहीं हैं।
परिवर्तन की मांग
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने भी नेतृत्व में सुधार की मांग दोहराई है। उन्होंने ट्वीट किया, ”जो भी कांग्रेस पर भरोसा रखते हैं उन्हें चुनावी नतीजों से दुख हुआ है। ये भारत के उस विचार को मजबूत करने का समय है जिसके लिए कांग्रेस खड़ी है और देश को सकारात्मक एजेंडा देती है। ये हमारे संगठनात्मक नेतृत्व को इस तरह सुधारने का समय है जो उन विचारों में फिर से जान भर दे और लोगों को प्रेरित करे। एक बात साफ है- सफल होने के लिए परिवर्तन अनिवार्य है।”
एक रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस की हार पर पाटी र्के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, ”मैं हैरान हूं, पार्टी की हार देख कर मेरा दिल रो रहा है। हमने पार्टी को अपनी पूरी जिंदगी और जवानी दी है। मुझे भरोसा है कि पार्टी का नेतृत्व सभी कमज़ोरियों और कमियों पर ध्यान देगा जो मैं और मेरे साथी पिछले कुछ समय से उठा रहे हैं।”
कांग्रेस नेता ही कहते हैं कि प्रियंका गांधी ने यूपी में कई रोड शो किए। हाथरक उन्नाव जैसे कांड पर प्रदर्शन किया। महिला महिला केंद्रित अभियान चलाया लेकिन काम नहीं आया क्योंकि कांग्रेस ने अपना जनाधार खो दिया। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि हमारे नेता विश्वसनीयता खो चुके हैं जिससे हमारी बात लोगों तक नहीं पहुंच पाती।