जनतंत्र डेस्क, नई दिल्ली: लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत को रद्द करने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की जमानत रद्द कर दी है। इसी साल 10 फरवरी को आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जमानत दी थी।
‘HC ने अपने न्यायक्षेत्र का अतिक्रमण किया’
आशीष मिश्रा की जमानत याचिका खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को पलट दिया। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि हाईकोर्ट में पीड़ित पक्ष की बात नहीं सुनी गई। HC ने पीड़ित पक्ष का ध्यान नहीं रखा। इस दौरान SC ने ये भी कहा कि हाईकोर्ट ने अपने न्यायक्षेत्र का अतिक्रमण किया है। जमानत रद्द होने के बाद आशीष मिश्रा को एक हफ्ते के अंदर सरेंडर करना होगा।
आशीष मिश्रा की जमानत के खिलाफ तिकुनिया हिंसा पीड़ित परिवारों ने सुप्रीम कोर्ट में रद्द करने की याचिका दायर की थी। पीड़ितों ने हाईकोर्ट के जमानत देने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले में 16 मार्च को यूपी सरकार और आशीष मिश्रा को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा था कि जमानत रद्द क्यों न की जाए। सुप्रीम कोर्ट ने चार अप्रैल को सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
3 अक्टूबर 2021 को हुई थी हिंसा
बीते साल 3 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की लखीमपुर खीरी जिले के दौरे के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को एक एसयूवी गाड़ी ने कुचल दिया था। इस दौरान चार किसान मारे गए थे। बाद में हिंसा भड़कने के बाद चार और लोग भी मारे गए। मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में आशीष मिश्रा को मुख्य अभियुक्त बताया था।