जनतंत्र डेस्क, नई दिल्ली: गौरतलब है कि NDA की तरफ से Jagdeep Dhankhar उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनावी मैदान में उतरे थे और इसी कर्म में आगे बढ़ते हुए NDA के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार Jagdeep Dhankhar ने आज नामांकन दाखिल कर दिया है। पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उनके नाम का ऐलान किया था। आपको बता दें, विपक्ष ने मार्गरेट अल्वा के नाम का उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए ऐलान किया है।
कौन हैं Jagdeep Dhankhar?
Dhankar का जन्म 18 मई 1951 में हुआ था। Dhankhar राजस्थान के झूंझूनू जिले के रहने वाले हैं। Jagdeep Dhankhar एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रह चुके हैं। वह 1989 से 1991 तक भारत के केन्द्रीय मंत्री के पद पर रहे और इसी दौरान वह झुंझुनू से लोकसभा सांसद भी रहे। राजनीति में आने से पहले Jagdeep Dhankhar पेशे से एक वकील हुआ करते थे।
2019 में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल बने Dhankhar
Jagdeep Dhankhar ने LLB करने के बाद वकालत करनी शुरू कर दी। वकालत के शानदार करियर को अपनाने के साथ वह देश के अग्रणी वकीलों में शुमार हो गए। बार कौंसिल के विभिन्न पदों पर रहने वाले Dhankhar ने 1989 में राजनीति में प्रवेश करने के साथ झुंझुनूं लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए। 1990 में वह देश के संसदीय कार्य राज्यमंत्री के रूप में कार्य किया। अजमेर जिला के किशनगढ़ से 1993 में वह विधायक चुने गए। 2019 में बीजेपी ने उनको पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया।
पीएम मोदी ने दी Dhankhar को, बधाई
NDA की तरफ से Jagdeep Dhankhar को उपराष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाए जाने पर देश के प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर उन्हें बधाई दी थी। पीएम ने लिखा था कि किसान पुत्र Jagdeep Dhankhar अपनी विनम्रता के लिए जाने जाते हैं। वह अपने साथ एक शानदार कानूनी, विधायी और गवर्नर करियर लेकर आए हैं। उन्होंने हमेशा किसानों, युवाओं, महिलाओं और वंचितों की भलाई के लिए काम किया है। खुशी है कि वह हमारे उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनाए गए हैं।
ममता बनर्जी के विरोधी रहे हैं Dhankhar
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में Jagdeep Dhankhar की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ हमेशा बैर रहा है। दोनों जिम्मेदार एक दूसरे पर सोशल मीडिया से लेकर सार्वजनिक मंचों से आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहे हैं। ममता बनर्जी के राज्यपाल के कई फैसलों पर सार्वजनिक आपत्ति दर्ज करा चुकी हैं तो राज्यपाल के रूप में Dhankhar ने ममता बनर्जी के कई फैसलों को पलट दिया।
गौरतलब है कि 19 जुलाई को उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए नामांकन की आखिरी तारीख है।