जनतंत्र डेस्क, श्रीलंका: 73 वर्षीय गोटबाया राजपक्षे राष्ट्रपति पद पर रहते हुए श्रीलंका छोड़ मालदीव भाग गये थे और मालदीव से वो अपनी पत्नी के साथ सिंगापुर चले गये थे। सिंगापुर पहुंचते हुए राजपक्षे ने ऱाष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। गौरतलब है कि गोटबाया राजपक्षे के श्रीलंका से भागने के बाद रानिल विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति की जिम्मेदारी दी गई थी। इसके बाद बुधवार को श्रीलंका को अपना नया राष्ट्रपति मिल गया है। आपको बता दें, रानिल विक्रमसिंघे को ही श्रीलंका के नये ऱाष्ट्रपति के रुप में चुना गया है।
रानिल विक्रमसिंघे को मिला,134 सासंदो का समर्थन
आज ही रानिल विक्रमसिंघे ने राष्ट्रपति चुनाव में अपनी जीत दर्ज की। विक्रमसिंघे को 134 सासंदो का समर्थन मिला है और उनके प्रतिद्वंदी दुल्लास अल्हाप्पेरुमा को 82 वोद ही मिले। राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार अनुरा कुमारा दिसानायके को सिर्फ 3 ही वोट मिले।
हमारे सामने बड़ी चुनौतियां हैं -रानिल विक्रमसिंघे
राष्ट्रपति बने जाने के बाद विक्रमसिंघे ने कहा कि देश बहुत मुश्किल स्थिती में हैं, हमारे सामने बड़ी चुनौतियां हैं। आपको बता दें, विक्रमसिंघे का कार्यकाल नवंबर 2024 में खत्म होगा। वो राजपक्षे के बचे हुए कार्यकाल को पूरा करेंगे।
5 बार श्रीलंका के प्रधानमंत्री रह चुके हैं -रानिल विक्रमसिंघे
रानिल विक्रमसिंघे को राजनीति का लंबा अनुभव है। वह श्रीलंका के 5 बार प्रधानमंत्री भी रह चुके हैं। रानिल विक्रमसिंघे राजनीति में आने से पहले पत्रकार और वकील भी रह चुके हैं। 1977 में वो पहली बार चुनाव में विजयी होकर संसद सदस्य बने थे। वह 1993 में पहली बार श्रीलंका के प्रधानमंत्री बने थे। रानिल विक्रमसिंघे अभी अंतरिम राष्ट्रपति हैं।