Woh 3 Din Review : कुछ फिल्में सिर्फ फिल्में नहीं होतीं बल्कि वे वास्तविक जीवन का इतना शानदार चित्रण करती हैं कि वे आपके अनुभवों को समृद्ध बनाती हैं। अगर कोई कहे कि एक छोटे से गांव में मेहनत-मज़दूरी कर रिक्शा चलानेवाले की साधारण सी ज़िंदगी पर फ़िल्म बनी है तो आपके ज़हन में यह सवाल ज़रूर आ सकता है कि आख़िर रिक्शा चालक की ज़िंदगी में ऐसा क्या ख़ास हो सकता है कि इसपर एक फ़िल्म बनानी पड़ी? इस शुक्रवार को रिलीज होने वाली ‘वो 3 दिन’ एक ऐसी ही शानदार फिल्म है , जो एक छोटे से गांव के रिक्शा चालक की जिंदगी पर निर्भर है। फिल्म में बखूबी तरीके से ये दर्शाया गया है कि एक रिक्शा चालक अपने सपने, मनोबल और अच्छे जीवन के लिए कैसे मेहनत करता है |
Woh 3 Din Review : छोटे बजट में बनी इस फिल्म की कहानी शुरु होती है उत्तर प्रदेश के एक गांव से, जहां बड़े दिल वाला रिक्शा चालक रामभरोसे अपनी आजीविका कमाने के लिए दिन-रात मेहनत करता हैं। वह अपनी पत्नी और बेटी को एक अच्छा जीवन प्रदान करने का सपना देखता है। रामभरोसे का जीवन पूरी तरह तब बदल जाता है जब वह एक यात्री से मिलता है जो ‘तीन दिनों’ के लिए उससे रिक्शा किराए पर लेता है। अजनबी के इरादों से अनजान, रामभरोसे उसे अपने रिक्शे पर जहां भी जाना होता है, ले जाता हैं | ऐसा करने पर, रामभरोसे इस अजनबी के साथ यात्रा करते समय रास्ते में कई रहस्यों को जानकर हैरान रह जाता है।
Woh 3 Din Review : फ़िल्म ‘वो 3 दिन’ की कहानी ,बढ़िया निर्देशन और एक से बढ़कर एक परफॉर्मेंस ने एक बार फिर से इस बात को साबित कर दिया है कि फिल्म का बजट नहीं, बल्कि फिल्म बनाने का नजरिया बड़ा होना चाहिए और तभी एक अच्छी फिल्म बनाई जा सकती है. फिल्म ‘वो 3 दिन’ ना सिर्फ एक मनोरंजक फिल्म है, बल्कि ये गांव के जीवन की कठिनाइयों और अच्छाइयों को भी बड़े मार्मिक अंदाज में पेश करती है.
Woh 3 Din Review : वो ३ दिन एक आगामी बॉलीवुड ड्रामा फिल्म है, जिसका निर्देशन राज आशु द्वारा किया गया है। फिल्म के निर्माता पंचम सिंह है। इस फिल्म में संजय मिश्रा, राजेश शर्मा, चंदन रॉय सान्याल, राकेश श्रीवास्तव और पूर्वा पराग, मुख्य भूमिका में नज़र आयें हैं।