Abbas Ansari Hate Speech News: कहते है जेल..जेल होती है। जो अच्छी नहीं होती क्योंकि कानून के किताब में ये सजा का घर है। पहली बार 1985 में मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी विधानसभा का चुनाव लड़े। जिसमें चेहरा था अफजाल अंसारी का। लेकिन खौफ था मुख्तार अंसारी का। इस खौफ के बल पर अफजाल चुनाव तो जीत गया और राजनीति को ढाल बनाकर खौफ को कारोबार की तरह काम करना शुरू किया।
#BreakingNews | मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास दोषी करार
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— Jantantra Tv (@JantantraTv) May 31, 2025
दो साल की सजा…2 हजार का जुर्माना
माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे और मऊ सदर सीट से विधायक अब्बास अंसारी के हेट स्पीच मामले में आज, 31 मई को मऊ के जिला एवं सत्र न्यायालय में फैसला सुनाया गया है। विधायक अब्बास को हेट स्पीच मामले में दोषी करार दिया गया है। अब मऊ की एमपी/एमएलए कोर्ट ने उन्हें और मंसूर अंसारी को 2 साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही दो हजार रूपये का जुर्माना भी लगाया गया है। कोर्ट में सजा के ऐलान के बाद अब्बास अंसारी ने मऊ के सीजेएम कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है। मऊ से सदर विधायक अब्बास अंसारी का आरोप है कि उनके पक्ष को पूरी तरह सुना नहीं गया। इसलिए अब वह शिकायत लेकर हाई कोर्ट जाएंगे।
दरअसल साल 2022 में उत्तर-प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान हेट स्पीच के मामले में अब्बास अंसारी और उमर अंसारी के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी। जिसके बाद कोर्ट में कार्रवाई शुरू हुई। दोनों कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच एमपी एमएलए कोर्ट में हाजिर हुए।
क्या है पूरा मामला?
अब्बास अंसारी का यह मामला साल 2022 के विधानसभा चुनाव का है। चुनाव के दौरान मऊ के पहाड़पुरी इलाके में एक जनसभा का आयोजन किया गया था। इसी दौरान अब्बास अंसीरू ने कथित तौर पर एक विवादित बयान दिया था। आरोप है कि उन्होंने सत्ता में आने के बाद अधिकारियों का हिसाब-किताब करने की धमकी दी थी। इसी बयान को हेट स्पीच माना गया। इस भाषण को लेकर मई कोतावली के सब इंस्पेक्टर गंगाराम बिंद ने एफआईआऱ भी दर्ज कराई थी। तीन साल की लंबी सुनवाई के बाद आज इस मामले में अब फैसला आ गया है।