Abu Azmi News : महाराष्ट्र के समाजवादी पार्टी अध्यक्ष और विधायक अबू आजमी ने पंढरपुर वारी पालकी को लेकर जो बयान दिया था, उसको लेकर सियासत लगातर गरमाती जा रही है। भाजपा समेत अन्य दल के नेताओं ने अबू आजमी के बयान की आलोचना की है। साथ ही इसे सांप्रदायिक मुद्दा करार दिया है।
अबू आजमी के बयान पर हंगामा
सपा विधायक अबू आजमी ने मांफी मांगी और सफाई देते हुए लिखा “सोलापुर में मेरे द्वारा की गई एक टिप्पणी को लेकर जो गलतफहमियां फैली हैं, मैं उन्हें स्पष्ट करना चाहता हूं। मेरे वक्तव्य को तोड़–मरोड़ कर और दुर्भावनापूर्ण ढंग से प्रस्तुत किया गया। यदि इससे वारकरी सम्प्रदाय की धार्मिक भावना आहत हुई हो, तो मैं अपने शब्द पूरी तरह से वापस लेता हूं और क्षमा चाहता हूं। मेरी मंशा कभी भी किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की नहीं थी।”
“मैं एक समर्पित समाजवादी हूं”
अबू आजमी ने आगे लिखा कि “मैं एक समर्पित समाजवादी हूं और हमेशा से हर धर्म, संस्कृति, सूफी संतों तथा उनकी परंपराओं का आदर करता आया हूं। मैं वारी परंपरा का पालन कर रहे सभी वारकरी भाइयों को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं और उनके प्रति अपनी सम्मानभावना प्रकट करता हूं।”
“मुस्लिम समाज के साथ हो रहे भेदभाव”
उन्होंने कहा कि “यह परंपरा महाराष्ट्र की सर्वधर्मीय, समृद्ध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत का गौरवपूर्ण हिस्सा है, जिसका मैं व्यक्तिगत रूप से सम्मान करता हूं। मेरे द्वारा वारी पालखी का उल्लेख केवल मुस्लिम समाज के साथ हो रहे भेदभाव और उनके अधिकारों के संदर्भ में किया गया था। यह किसी प्रकार की तुलना नहीं थी एवं मेरी नीयत और मेरी मांग किसी भी रूप में अनुचित नहीं थी।”
अबू आजमी ने आगे लिखा कि “मेरी केवल इतनी मंशा थी कि सरकार का ध्यान इस बात की ओर आकृष्ट कर सकूं कि उसके दोहरे मापदंड अल्पसंख्यक समुदाय के मन में यह भावना न उत्पन्न करें कि उनके लिए इस देश में अलग कानून हैं – जब की हमारे देश के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी खुद कहते है सब का साथ, सब का विकास और सब का विश्वास। हम उपेक्षित समाज के हक़, सम्मान और बराबरी की लड़ाई मजबूती से जारी रखेंगे, लेकिन कभी भी देश की एकता पर आंच नहीं आने देंगे।”