Aligarh Muslim University : उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में एक बड़ी कार्रवाई में, नगर निगम और जिला प्रशासन ने संयुक्त रूप से अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के कब्जे से नगर निगम की जमीन को मुक्त कराया। इस कार्रवाई में लगभग 41,050 वर्ग मीटर भूमि को एएमयू के कब्जे से मुक्त कराया गया, जिसकी अनुमानित कीमत 100 करोड़ रुपये से अधिक है। यह कार्रवाई नगला पटवारी भमोला क्षेत्र में की गई, जहां एएमयू का लंबे समय से कब्जा था। प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में जमीन को खाली करवाकर नगर निगम का स्वामित्व बोर्ड लगा दिया गया।
नगर निगम ने कराया कब्जा मुक्त
एएमयू के कब्जे से जमीन मुक्त कराने की कार्रवाई में सहायक नगर आयुक्त वीर सिंह और उपजिलाधिकारी कोल दिग्विजय सिंह समेत कई अधिकारी मौजूद थे। अधिकारियों का कहना है कि यह जमीन नगर निगम की है, जिस पर विश्वविद्यालय ने अवैध कब्जा कर रखा था।
नगर आयुक्त विनोद कुमार ने कहा कि सरकारी संपत्तियों पर अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी और सख्त कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि एएमयू ने नगर निगम की और भी जमीनों पर कब्जा कर रखा है, जिसकी जांच के बाद उसे भी कब्जा मुक्त कराया जाएगा।
एएमयू ने कार्रवाई को बताया अवैध
एएमयू प्रशासन ने नगर निगम की कार्रवाई को अवैध बताया है और कहा है कि उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया गया था। एएमयू के संपत्ति विभाग के प्रोफेसर शकील अहमद ने कहा कि यह संपत्ति एएमयू की है और नगर निगम का दावा गलत है। एएमयू प्रशासन ने इस मामले में कानूनी कार्रवाई शुरू की है।
एएमयू प्रशासन का आरोप है कि नगर निगम ने बिना किसी जानकारी के अवैध कब्जा किया है। एएमयू 80 वर्षों से उस जमीन पर काबिज है और वहां बच्चे हॉर्स राइडिंग करते हैं। नगर निगम ने पुल निर्माण के लिए अनुमति मांगी थी, जो विधिवत रूप से दी गई थी। इसके बावजूद नगर निगम ने गलत तरीके से एएमयू की संपत्ति पर कब्जा किया है।
मुस्लिम धर्मगुरु इफराहीम हुसैन ने कहा कि “किसी की भी जमीन कब्जा करना हराम है और यह एक बड़ा गुनाह है। उन्होंने कहा कि एएमयू ताकत के बल पर जमीनों पर कब्जे करता है, क्योंकि उन्हें संसद से एक्ट पास होकर ताकत मिली हुई है।”
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का इतिहास
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) की स्थापना 1875 में सर सैयद अहमद खान ने की थी। उन्होंने इसे मोहम्मडन एंग्लो-ओरिएंटल कॉलेज के रूप में स्थापित किया था, जिसका उद्देश्य मुस्लिम समुदाय को आधुनिक शिक्षा प्रदान करना था। 1920 में, इसे विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया और इसका नाम अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी रखा गया। एएमयू ने भारतीय मुसलमानों के शैक्षिक और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह विश्वविद्यालय अपने छात्रों को विभिन्न विषयों में उच्च शिक्षा प्रदान करता है और अनुसंधान के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान करता है।















