Bangladesh Politics: बांग्लादेश की राजनीति में काफी हलचल देखने को मिल रही है। पिछले नौ महीनों से जो कुछ चल रहा है, उससे एक बार बांग्लादेश की सरकार पर संकट गहराता जा रहा है। 5 अगस्त 2024 को शेख हसीना की सरकार तख्तापलट यह कोई साधारण घटना नहीं थी। यह बांग्लादेश की सत्ता संरचना में ऐतिहासिक बदलाव था।
यूनुस ने सेना को दी चेतावनी
इस तख्तापलट के बाद बांग्लादेश की कुर्सी पर मोहम्मद यूनुस और उनकी अंतरिम सरकार विराजमान हुई। लेकिन यह सरकार अब खुद राजनीतिक दबाव और जन अपेक्षाओं के चक्रव्यूह में फंसती दिख रही है।
मोहम्मद यूनुस दबाव बना रही सेना
मोहम्मद यूनुस और उनके सहयोगियों ने शनिवार 24 मई 2025 को एक बयान जारी कर सेना को साफ-साफ चेतावनी दे दी है। उन्होंने कहा कि “अगर सरकार के काम में बाधा पैदा होती है तो जनता के समर्थन से कठोर निर्णय लिए जाएंगे। यह चेतावनी बीएनपी, सेना और इस्लामी गुटों के लिए थी। दरअसल यह लोग दिसंबर 2025 तक चुनाव कराने का दबाव बना रहे हैं। जिसके बाद काफी समय से यूनुस मुख्य सलाहकार पद से इस्तीफा देने की खबरें आ रही थीं। लेकिन बाद में इसकी पुष्टि से इनकार कर दिया गया। खबरों के बाद छात्र नेताओं सहित कई सहयोगी यूनुस की इस्तीफे की संभावना से चिंतित थे।
शेख हसीना के साथ भी एसा ही हुआ
गौरतलब हो कि नेशनल सिटिजन पार्टी (NCP) और इस्लामी गुटों ने मिलकर शेख हसीना सरकार के खिलाफ एक बड़ी साजिश को अंजाम दिया था। आज एक बार फिर वही लोग यूनुस सरकार पर भी प्रभाव डालने की कोशिश कर रही हैं। जिसका सीधा असल बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर पड़ता नजर आ रहा है। कानून व्यवस्था की विफलता सामने आ रही है।