Supreme Court On Murshidabad Hinsa : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इन दिनों काफी चर्जाओं में चल रही हैं। वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन में मुर्शिदाबाद में हिंसा के चलते राजनीतिक सियासी गलियारों में हलचल मच रख है। वहीं अब हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में डाली गई दो याचिकाओं पर आज, सोमवार 21 अप्रेल को सुनवाई होगी। याचिकाकर्ताओं ने हिंसा की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के निगरानी में एसआईटी के गठन की मांग की है। इसके अलावा राज्य की कानून-व्यवस्था की स्थिति में विफलता के लिए भी पश्चिम बंगाल सरकार से सफाई की मांग हो रही है।
सुप्रीम कोर्ट में आज होगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट के वकील वकील शशांक शेखर झा और विशाल तिवारी ने मुर्शिदाबाद हिंसा मामले में जनहित याचिका दाखिल की है। इस मामले पर जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटेश्वर सिंह की बेंच सुनवाई करने वाली है। 11 अप्रैल को हुई हिंसा के कारण स्कूल बंद कर दिए गए थे। वहीं अब यहां हिंसा के 10 दिन बाद आज से स्कूल बंद हो जाएंगे।
ममता बनर्जी ने जनता से की अपील
वहीं 19 अप्रेल को ममता बनर्जी ने जनता के नाम शांति पत्र लिखा। उन्होंने इस पत्र के माध्यम से विरोधी कभी नहीं चाहते कि कुछ सकारात्मक और अच्छा काम किया जाए। राज्य में शांति बहाल रखें, किसी भी प्रलोभन या बहकावे में नहीं आएं।” वहीं इस बीच राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया था। उन्होंने यहां पर पीड़ितों से मुलाकात की और उनका हाल-चाल जाना। वहीं वापस लौटते वक्त सी.वी. आनंद बोस ने कहा कि “समाज में इस तरह के हमले स्वीकार्य नहीं हैं। यह भारतीय लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है।”
मुर्शिदाबाद हिंसा का मामला
मुर्शिदाबाद हिंसा पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हाल ही में भड़की थी, जिसके बाद हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। पुलिस जांच तेजी से जारी है और लगातार गिरफ्तारियां हो रही हैं। अब तक 276 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, और 100 से अधिक एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। मुख्य आरोपी जियाउल शेख को पश्चिम बंगाल पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स और स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम ने उत्तर दिनाजपुर जिले से गिरफ्तार किया है। वह 2 लोगों की हत्या के मामले में मुख्य आरोपियों में से एक था। 12 अप्रैल को जाफराबाद में 2 लोगों की हत्या के मामले में यह चौथी गिरफ्तारी है। पुलिस के पास सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल फोन टावर की लोकेशन के जरिए सबूत हैं। वक्फ अधिनियम में संशोधन को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान यह हिंसा भड़की थी, जिसमें कम से कम 3 लोगों की मौत हो गई थी¹।