बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, भारतीय जनता पार्टी ने अपने स्टार प्रचारकों को मैदान में उतारने की तैयारी तेज कर दी है। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जल्द ही बिहार के चुनावी प्रचार में उतरने वाले हैं। बताया जा रहा है कि योगी बिहार में 20 से अधिक जनसभाओं और रैलियों को संबोधित करेंगे। पार्टी का मानना है कि योगी की छवि एक सशक्त हिंदुत्ववादी नेता और विकासपरक प्रशासक की है, जो मतदाताओं पर गहरा असर डाल सकती है।
योगी आदित्यनाथ की बिहार में बड़ी लोकप्रियता मानी जाती है, खासकर सीमावर्ती जिलों में जहां उत्तर प्रदेश से सांस्कृतिक और भाषाई जुड़ाव गहरा है। बीजेपी की रणनीति है कि योगी अपने भाषणों के जरिए पार्टी के कोर वोट बैंक को मजबूत करें और एनडीए के पक्ष में माहौल बनाएं। योगी के भाषणों में कानून-व्यवस्था, विकास, और राम मंदिर जैसे मुद्दे प्रमुख रह सकते हैं, जो भाजपा समर्थक वर्ग को उत्साहित करते हैं।
सूत्रों के मुताबिक, योगी आदित्यनाथ की पहली रैली अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में होने की संभावना है। इसके बाद वे क्रमशः सिवान, छपरा, दरभंगा, बेतिया, और भागलपुर जैसे जिलों में रैलियां करेंगे। बीजेपी ने उनकी रैलियों का शेड्यूल इस तरह तैयार किया है कि वे न केवल बीजेपी बल्कि एनडीए के अन्य उम्मीदवारों के क्षेत्रों में भी प्रचार करें। इससे गठबंधन की एकता का संदेश जाएगा और स्थानीय स्तर पर तालमेल मजबूत होगा।
बीजेपी के भीतर योगी आदित्यनाथ को एक करिश्माई प्रचारक के रूप में देखा जाता है। उनके भाषणों में जोश, हिंदुत्व और राष्ट्रवाद का मिश्रण होता है, जो भीड़ को आकर्षित करता है। पार्टी का मानना है कि नीतीश कुमार और अन्य एनडीए नेताओं के साथ योगी के प्रचार से बिहार में एनडीए की स्थिति और मज़बूत होगी। इसके अलावा, वे युवा और पहली बार वोट देने वालों तक भी अपनी बात को प्रभावशाली ढंग से पहुंचा सकते हैं।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि बिहार में इस बार मुकाबला कड़ा होने वाला है, और योगी आदित्यनाथ की एंट्री से एनडीए को चुनावी बढ़त मिल सकती है। उनके भाषण न केवल एनडीए समर्थकों को एकजुट करेंगे, बल्कि विपक्षी गठबंधन पर भी दबाव बनाएंगे। कुल मिलाकर, बिहार के राजनीतिक माहौल में योगी की मौजूदगी चुनावी हवा का रुख तय करने में अहम भूमिका निभा सकती है।