बिहार NDA में सीटों के बंटवारे को लेकर लंबे समय से चल रही बातचीत आखिरकार पूरी हो गई है। बीजेपी, जेडीयू, एलजेपी (रामविलास), हम और रालोसपा के बीच कई दौर की बैठकों के बाद अब सीटों पर सहमति बन गई है। सूत्रों के अनुसार, सभी सहयोगी दलों के बीच संतुलन बनाए रखने की कोशिश की गई है ताकि गठबंधन के अंदर किसी तरह की नाराजगी न रहे। अब बस इस समझौते की औपचारिक घोषणा का इंतजार है, जो आज होने वाली है।
सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी और जेडीयू के बीच सीटों का बड़ा हिस्सा बांटा गया है, जबकि चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 26 सीटें दी गई हैं। इसके अलावा जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और उपेंद्र कुशवाहा की रालोसपा को भी कुछ चुनिंदा सीटें मिलने की संभावना है। सीटों के बंटवारे में जातीय समीकरण और क्षेत्रीय प्रभाव को प्राथमिकता दी गई है ताकि हर दल अपने पारंपरिक वोटबैंक को साध सके।
चिराग पासवान को इस बार अपेक्षाकृत मजबूत स्थिति में देखा जा रहा है, क्योंकि पिछले चुनाव में उन्होंने एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ा था। अब दोबारा एनडीए में उनकी वापसी के बाद बीजेपी ने उन्हें पर्याप्त सम्मानजनक सीटें देकर रिश्ते सुधारने का संकेत दिया है। वहीं, जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा के लिए सीमित सीटें तय होने की बात कही जा रही है, लेकिन उन्हें भी सम्मानजनक हिस्सेदारी देने का दावा किया गया है।
एनडीए के इस सीट बंटवारे को लेकर आज औपचारिक घोषणा की जाएगी। माना जा रहा है कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और जेडीयू के वरिष्ठ नेता संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस समझौते का ऐलान करेंगे। इस दौरान चिराग पासवान, जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा भी मौजूद रहेंगे। इससे पहले सभी दलों के बीच अंतिम बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने सहमति की मुहर लगाई।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि बिहार NDA ने इस बार सीट बंटवारे को लेकर रणनीतिक तरीके से कदम बढ़ाया है। उद्देश्य यह है कि 2025 के विधानसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन को मजबूत चुनौती दी जा सके। सीटों का यह बंटवारा यदि सभी दलों की सहमति से लागू होता है, तो यह एनडीए के लिए एकजुटता का बड़ा संदेश होगा और चुनावी मैदान में इसे मजबूत शुरुआत मानी जाएगी।