Bihar Politics News : बिहार की राजनीति इन दिनों बाबा बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dheerendra shashtri) के दौरे को लेकर गरमाई हुई है। बाबा बागेश्वर इन दिनों बिहार के अलग-अलग जिलों में प्रवचन कर रहे हैं, जहां लाखों की संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ रही है। लेकिन उनके इस दौरे को सिर्फ धार्मिक नजरिए से नहीं देखा जा रहा, बल्कि इसके सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं।
दरअसल, बिहार में अगले सात-आठ महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और ऐसे में बाबा बागेश्वर का यह दौरा बीजेपी के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है। बाबा बागेश्वर लगातार हिंदू एकता और हिंदू राष्ट्र की बात कर रहे है। जिससे उनकी लोकप्रियता हिंदू वोटरों के बीच तेजी से बढ़ रही है। मंच पर बीजेपी नेताओं की मौजूदगी ने इन अटकलों को और तेज कर दिया है कि यह दौरा कहीं न कहीं चुनावी गणित को साधने की एक रणनीति हो सकती है।
बिहार से हिंदू राष्ट्र का बिगुल बजाने का ऐलान
बाबा बागेश्वर ने अपने बयान में कहा कि ‘बिहार से हिंदू राष्ट्र का बिगुल बजेगा. कागजों पर नहीं, हिंदुओं के दिल में हिंदू राष्ट्र बनाना है। उन्होंने हिंदुओं से जात-पात की दीवार तोड़ने और एकजुट होने की भी अपील की। बाबा ने कहा कि ‘मंदिरों के बाहर लिखा रहता है कि जूते-चप्पल बाहर उतारकर आओ, लेकिन मैं चाहता हूं कि वहां लिखा हो कि जात-पात भुलाकर आओ।’ उन्होंने यह भी कहा कि ‘भारत पर पहला अधिकार हिंदुओं का है। हिंदू और सनातन धर्म की रक्षा के लिए सभी हिंदुओं को एक होना होगा.’ उनके इस बयान के बाद बिहार की राजनीति में भूचाल आ गया है।
BJP को मिल सकता है फायदा?
बाबा बागेश्वर के बिहार दौरे के साथ ही संघ प्रमुख मोहन भागवत और श्री रविशंकर का भी बिहार में कार्यक्रम हुआ है। इससे विपक्ष को यह कहने का मौका मिल गया कि ‘चुनाव से पहले बीजेपी अपने सांप्रदायिक एजेंडे को आगे बढ़ा रही है। हालांकि, बीजेपी नेताओं का कहना है कि बाबा बागेश्वर का दौरा पूरी तरह धार्मिक है और इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन मंच पर बीजेपी नेताओं की मौजूदगी और उनके समर्थन से यह साफ दिखता है कि बाबा बागेश्वर का प्रभाव हिंदू वोटर्स पर पड़ सकता है। बिहार में हिंदू वोटों के ध्रुवीकरण से बीजेपी को सीधा फायदा हो सकता है।
विपक्ष ने साधा निशाना, गिरफ्तारी की मांग तक उठी
बाबा बागेश्वर के हिंदू राष्ट्र वाले बयान पर विपक्ष ने कड़ा रिएक्शन दिया है। RJD नेताओं ने तो यहां तक कह दिया कि ‘धीरेंद्र शास्त्री को गिरफ्तार किया जाना चाहिए क्योंकि वह समाज में सांप्रदायिकता फैला रहे हैं। विपक्ष का कहना है कि बाबा बागेश्वर जैसे लोगों का इस्तेमाल कर बीजेपी चुनाव में ध्रुवीकरण की राजनीति कर रही है। बाबा बागेश्वर ने विपक्ष के आरोपों पर जवाब देते हुए कहा, ‘मैं पहली बार बिहार नहीं आया हूं, पहले भी आता रहा हूं। मेरे आने से कुछ लोगों को मिर्ची लग रही है, तो अब चुनाव के बाद ही आउंगा. मैं किसी पार्टी से नहीं हूं, मैं हिंदू और हिंदुओं की बात करता हूं।’
क्या बिहार चुनाव में असर डालेगा बाबा बागेश्वर का दौरा?
बिहार में धार्मिक आयोजनों का चुनावी प्रभाव पहले भी देखा जा चुका है. बीजेपी ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में भी हिंदू वोटर्स को एकजुट कर बड़ा फायदा उठाया था। अब बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बाबा बागेश्वर की एंट्री से यह साफ हो गया है कि हिंदू राष्ट्र और सनातन धर्म का मुद्दा चुनाव में अहम भूमिका निभा सकता है। बाबा बागेश्वर का प्रभाव ग्रामीण और धार्मिक हिंदू वोटर्स के बीच काफी मजबूत है। अगर उनके कार्यक्रमों से हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण होता है, तो इससे बीजेपी को बड़ा फायदा मिल सकता है। हालांकि, अब यह देखना होगा कि विपक्ष इसका क्या जवाब देता है और जनता इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाती है। फिलहाल, बिहार में बाबा बागेश्वर की एंट्री से सियासत और चुनावी समीकरण दोनों ही गरमा गए हैं।