बिहार में लंबे समय बाद चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) कराया। इस प्रक्रिया का उद्देश्य था मतदाता सूची को पूरी तरह से अपडेट करना ताकि केवल पात्र मतदाता ही सूची में शामिल रहें। इस दौरान नए मतदाताओं को जोड़ा गया, पुराने और डुप्लिकेट नामों को हटाया गया और जिनके विवरण में त्रुटि थी, उन्हें सुधारा गया। सबसे पहले ड्राफ्ट वोटर लिस्ट प्रकाशित की गई, जिसमें मतदाताओं के नाम, पते और अन्य विवरण जारी किए गए। इसके बाद नागरिकों को अपने नाम और विवरण जांचने का मौका दिया गया। यदि किसी का नाम छूट गया या गलती पाई गई, तो दावा और आपत्ति दर्ज कर उसे ठीक करने की प्रक्रिया तय की गई।
फाइनल वोटर लिस्ट का प्रकाशन
सभी सुधारों, आपत्तियों और दावों के निपटारे के बाद चुनाव आयोग ने फाइनल वोटर लिस्ट जारी की। इसमें नए नामों को शामिल किया गया और उन लोगों को बाहर किया गया जिनकी पात्रता अब नहीं थी, जैसे कि मृत मतदाता, बाहर स्थानांतरित हो चुके लोग या दोहराए गए नाम। इस तरह से सूची को और पारदर्शी और सटीक बनाया गया।फाइनल वोटर लिस्ट का जारी होना राज्य के आगामी चुनावों के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इससे सभी राजनीतिक दलों को मतदाता आधार का स्पष्ट आंकड़ा मिल गया है। वहीं, मतदाताओं के लिए भी यह भरोसे की बात है कि उनका नाम सही तरीके से सूची में मौजूद है और वे चुनाव में अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर पाएंगे।
अब मतदाता अपने-अपने क्षेत्र के बूथ स्तर अधिकारी या ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से अपना नाम जांच सकते हैं। यदि किसी का नाम अब भी छूट गया है, तो चुनाव अधिसूचना जारी होने तक सुधार का अवसर रहेगा। आयोग का कहना है कि इस बार मतदाता सूची पूरी तरह अपडेट है और पारदर्शी चुनाव कराने के लिए तैयार है।
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