Delhi Politics : दिल्ली में मुस्तफाबाद को लेकर सियासी भूचाल मचा हुआ है। आज दिल्ली विधानसभा में मुस्तफाबाद विधानसभा क्षेत्र का नाम बदलने को लेकर प्रस्ताव पेश किया जाएगा। यह प्रस्ताव विधानसभा में भाजपा विधायक और विधानसभा उपाध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट पेश करने वाले हैं। मोहन सिंह बिष्ट ने मुस्ताफाबाद की नाम बदलकर ‘शिव विहार’ करने की मांग की है।
दिल्ली विधानसभा में पेश होगा प्रस्ताव
आज इस प्रस्ताव पर दिल्ली विधानसभा में चर्चा होनी है। मोहन सिंह बिष्ट ने साफ़ कह दिया है कि किसी क्षेत्र की आबादी 60 फीसदी से अधिक हिंदुओं की है, तो उसका मुस्तफाबाद नाम क्यों होना चाहिए? उन्होंने कहा कि इस जगह का नाम शिव विहार रखा जाना चाहिए। यह प्रस्ताव सिर्फ एक निजी प्रस्ताव है। यह दिल्ली भाजपा सरकार की तरफ से नहीं लाया जा रहा है।
मुस्तफाबाद बनेगा ‘शिव विहार’
आपको बता दें कि किसी भी विधानसभा क्षेत्र का नाम बदलना आसान नहीं होता है। यह अधिकार राज्य सरकार के पास नहीं होता है। नाम बदलने को लेकर निर्णय चुनाव आयोग ही ले सकता है। ऐसे में विधानसभा में निजी प्रस्ताव से ज्यादा कुछ ज्यादा फायदा नहीं होने वाला है। इसके अलावा दिल्ली में भी कई शहरों के नाम बदलने की मांग हो रही है।
#BreakingNews | दिल्ली : मुस्तफाबाद का नाम बदलने की तैयारी
➡️मुस्तफाबाद का नाम बदलकर शिव विहार करने का प्रस्ताव
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— Jantantra Tv (@JantantraTv) March 28, 2025
मोहन सिंह बिष्ट का बयान
इस पर भाजपा विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने कहा “मैंने मुस्तफाबाद विधानसभा क्षेत्र के नाम बदलने का प्रस्ताव पेश किया है। साल 1998 से लेकर 2008 के बीच जब मैं विधायक था, तो इस जगह का नाम करावल नगर था। मुस्तफाबाद का नाम कभी भी किसी धार्मिक गुरु के नाम पर नहीं रखा गया है। मुस्तफा नाम का एक प्रॉपर्टी डीलर हुआ करता था, जिसने मेरे दूसरे विधानसभा क्षेत्र में कुछ राजनीतिक लोगों के साथ मिलकर इसका नाम मुस्तफाबाद रख दिया। अब हम इस जगह का नाम बदलकर शिव विहार करने की मांग कर रहे हैं।”
संजीव झा ने मोहन सिंह बिष्ट पर साधा निशाना
मोहन सिंह बिष्ट के विधेयक पर संजीव झा ने कहा, “इन्हें जनता ने काम करने के लिए चुना है। लेकिन यह सरकार तो केवल नाम बदल रही है। जहां भी चुनकर आते हैं, वहां का नाम बदल देते हैं। हजारों उर्दू नाम हैं, सब बदल दीजिए। इससे लोगों का क्या ही भला हो सकता है। मुस्तफाबाद की महिलाओं को 2500 रुपये कब मिलेंगे? इस पर चर्चा अच्छी होगी कि मुस्तफाबाद के लोगों का विकास कैसे होगा। दिल्ली में हजारों जगहें हैं जिनके उर्दू नाम हैं। नाम बदलने से दिल्ली का भला नहीं होगा।”