Chetra Navratri 2025 : धर्म, आस्था और भक्ति का सबसे पवित्र पर्व नवरात्रि! नौ दिन, नौ रूप, नौ राते और हर पल सिर्फ मां दुर्गा की साधना। नवरात्रि सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि नकारात्मकता को दूर कर सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने का सबसे शुभ अवसर है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस नवरात्रि आपको क्या करना चाहिए और किन चीजों से बचना चाहिए? कैसे करें कलश स्थापना और किन नियमों का पालन करने से मिलेगी मां की विशेष कृपा? हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष स्थान है। यह पर्व मां दुर्गा की महिषासुर पर विजय के रूप में मनाया जाता है।0 मान्यता है कि इन नौ दिनों में मां दुर्गा की पूजा करने से सारे कष्ट मिट जाते हैं और घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है। नवरात्रि साल में चार बार आती है – चैत्र, आषाढ़, अश्विन (शारदीय) और पौष, लेकिन चैत्र और शारदीय नवरात्रि का महत्व सबसे ज्यादा माना जाता है। इस दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की विधिवत पूजा की जाती है।
नवरात्रि की शुरुआत होती है कलश स्थापना से, जिसे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश माना जाता है। इस बार 30 मार्च को प्रातः 6:00 से 10:00 बजे और दोपहर 12:00 से 12:50 तक शुभ मुहूर्त है। तो अब आप को बताते है कलश स्थापना की विधि के बारे में।
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— Jantantra Tv (@JantantraTv) March 30, 2025
नवरात्रि के नौ दिन: देवी के नौ रूपों की साधना
हर दिन देवी के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है:
1. शैलपुत्री
2. ब्रह्मचारिणी
3. चंद्रघंटा
4. कूष्मांडा
5. स्कंदमाता
6. कात्यायनी
7. कालरात्रि
8. महागौरी
9. सिद्धिदात्री
नवरात्रि के पहले दिन देवी दुर्गा के माता शैलपुत्री रूप की पूजा की जाती है। इस दिन प्रात: जल्दी उठकर स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद मंदिर को अच्छे से साफ करें। पूजा के पहले अखंड ज्योति प्रज्वलित कर लें और शुभ मुहूर्त में घट स्थापना कर लें. अब पूर्व की ओर मुख कर चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं और माता का चित्र स्थापित करें। सबसे पहले गणपति का आह्वान करें और इसके बाद हाथों में लाल रंग का पुष्प लेकर मां शैलपुत्री का आह्वान करें। मां की पूजा के लिए लाल रंग के फूलों का उपयोग करना चाहिए. मां को अक्षत, सिंदूर, धूप, गंध, पुष्प चढ़ाएं. माता के मंत्रों का जप करें, घी से दीपक जलाएं, मां की आरती करें, शंखनाद करें, घंटी बजाएं, मां को प्रसाद अर्पित करें।
कलश स्थापना की विधि:
1. सबसे पहले कलश को गंगाजल से शुद्ध करें।
2. कलश में सुपारी, सिक्का, पंचरत्न और आम के पत्ते रखें।
3. कलश के ऊपर नारियल रखें और उसे लाल कपड़े से लपेट दें।
4. मां दुर्गा की मूर्ति या चित्र के सामने कलश स्थापित करें और विधिवत पूजा करें।
कलश स्थापना के बाद पूरे नौ दिन अखंड ज्योत जलाना शुभ माना जाता है। तो वही नवरात्रि के दौरान घरों, मंदिरों और पूजा स्थलों को सजाया जाता है। भव्य गरबा और डांडिया नाइट्स का आयोजन किया जाता है। भक्त माता के भजन गाते हैं और रातभर जागरण करते हैं। नवरात्रि सिर्फ एक त्यौहार नहीं, यह अवसर है खुद को आध्यात्मिक रूप से जोड़ने का, बुरी आदतों को छोड़ने का और मां दुर्गा की कृपा पाने का तो इस नवरात्रि पूरे नियमों और सच्ची श्रद्धा के साथ मां की उपासना करें और जीवन को सुख-समृद्धि से भरें।