नई दिल्ली : Afghanistan : बीते एक हफ़्ते से अफगानिस्तान में तालिबान के कई मामले सामने आते जा रहे है। अफगानिस्तान की राजधानी सहित तालिबानी उग्रवादियों ने अपना कब्ज़ा कर लिया है तालिबान जिलों के साथ साथ ग्रामीण क्षेत्रों पर अपनी हुकूमत बिठा चूका है जिसके बाद अब वह राजधानी क्षेत्रों की ओर बढ़ रहा है। तालिबान शहरों के साथ-साथ राजधानी के वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और पत्रकारों को अपना निशाना बना रहा है।
अफगानिस्तान में रोज़ होते हमले निवासीयों की मुश्किलें बढ़ाई
बता दें ,अफगानिस्तान में रोज़ होते हमले निवासीयों की मुश्किलें बड़ा रहा है। अफगानिस्तान सरकार की ओर से तालिबान को बार- बार वापस जाने की अपील की जा रही है लेकिन तालिबान सरकार की सारी अपील को ख़ारिज करता जा रहा है।तालिबानी प्रमुख मोहम्मद नूर रहमानी राजधानी पर कब्जा कर चूका है। रहमानी ने अपना एक बयान जारी किया है रहमानी का कहना है की सरकारी सैनिक दल पूरी तरह से पीछे हट गए हैं।सरकार समर्थक स्थानीय मिलिशिया के कई लड़ाकों ने बागियों के आगे बिना लड़े हथियार डाल दिए हैं जिसकी वजह से उन्हें कब्ज़ा करने में कोई मुशिकल नहीं आई।
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जानकारी के लिए बता दें। तालिबान द्वारा सर-ए-पुल के साथ ही पश्चिमी निमरोज़ क्षेत्र की राजधानी ज़रंज, उत्तरी जौज़जान क्षेत्र की राजधानी शेबरगान और अन्य उत्तरी सूबे तालकान की राजधानी पर पूरी तरह से अपना कब्ज़ा कर लिया है। कुंदुज पर कब्ज़ा तालिबान के लिए एक बड़ी कामयाबी है। रविवार को राजधानी कुंदुज तालिबान ने अपना झंडा शहर के मुख्य चौराहे पर लगा दिया हैं। बता दें यह अफगानिस्तान के बड़े शहरों में से एक है जिसकी आबादी 3.40 लाख के करीब है। तालिबानी उग्रवादियों ने दक्षिणी हेलमंद प्रांत की राजधानी लश्कर गाह को भी अपने कब्जे में ले लिया है, जहां उन्होंने पिछले सप्ताह शहर के 10 पुलिस जिलों में से नौ पर कब्जा कर लिया था ,और अब कंधार की प्रांतीय राजधानी कंधार शहर भी उनके घेरे में हैं।
तालिबान एक बार फिर अफगानिस्तान पर अपनी हुकूमत करने के सक्रिये हो चूका है।
तालिबान की बढ़ती देहशत के चलते अफ़ग़ान सरकार ने अमेरिका सहित कई अन्य देशो से मदद मांगी थी जिसके बाद अमेरिका ने अफगान की मदद करते हुये हवाई हमले भी किए हैं। हवाई हमलों के बाद से आम नागरिकों के हताहता होने को लेकर भी चिंताएं बढ़ गई हैं।आम नागरिको की परेशनियों को मदेनजर रखते हुये अमेरिकी सेना लो लौटना पड़ा है। अमेरिकी सेना और NATO सैनिकों के लौटने के बाद से ही तालिबान फिर एक बार अपनी लड़ाई तेज कर चूका है। जिसके चलते तालिबान एक बार फिर अफगानिस्तान पर अपनी हुकूमत करने के सक्रिये हो चूका है।
अफगान सरकार की संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (OCHA) द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, तालिबान की तरफ से जारी हिंसा के चलते अफगानिस्तान में तक 200,000 से अधिक लोग अभ्यंतर रूप से विस्थापित हुए हैं।जिसकी वजह से अफगानिस्तान सरकार की मुश्किलें और बढ़ गयी है।