MS Dhoni IPL 2025 : चेन्नई सुपर किंग्स इस बार आईपीएल में अच्छा परफॉर्म ने नहीं कर पा रही है। एमएस धोनी अपनी कप्तानी में सीएसके को 5 बार चैंपियन बना चुके हैं। लेकिन इस बार अपनी खराब फॉर्म को लेकर वह लगातार सवालों के घेरे में हैं। शनिवार, 5 मार्च को हुए दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ सीएसके बेहद खराब खेला था। धोनी जब बल्लेबाजी करने आए थे तब जीत के लिए 56 गेंदों में केवल 110 रन चाहिए थे।
फैंस को उम्मीद थी वह आराम से रन चेज कर लेंगे और अपने बेहतरीन अंदाज में मैच को खत्म करेंगे। इस मैच को देखने के लिए उनके माता-पिता भी स्टेडियम में आए हुए थे। लेकिन धोनी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। विजय शंकार ने नाबाद 69 और धोनी ने 26 गेंदें खेलकर सिर्फ 30 रन बनाए। जिसे देख हर कोई हैरान रह गया। चेन्नई सुपर किंग्स दिल्ली से हार चुकी थी।
सीएसके की हार का कारण कौन?
सीएसके की इस हार का कारण धोनी की धीमी पारी बनी। अंतिम ओवरों में 115 की स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी बेहद खराब मानी जाती है। सोशल मीडिया पर सीएसके की हार और धोनी को लेकर अलग-अलग प्रतिक्रिया सामने आ रही है। मनोज तिवारी ने भी अपने कठोर शब्दों में धोनी को सलाह दी है। साथ ही उन्होंने सलाह दी की 2023 के बाद ही धोनी को आईपीएल से सन्यास ले लेना चाहिए था।
मनोज तिवारी ने धोनी को लेकर दिया बयान
बता दें कि, मनोज तिवारी धोनी के साथ ड्रेसिंग रूम साझा कर चुके हैं। हाल ही में उन्होंने क्रिकबज पर बात करते हुए कहा, “अगर मैं इस बारे में कठोर हो जाऊं तो मुझे माफ कर देना। मुझ से फैंस कहीं गुस्सा ना हो जाए। लेकिन मेरे मुताबिक धोनी के लिए रिटायरमेंट का सही समय 2023 था जब उनकी टीम ने जीत हासिल की थी। उसके बाद उन्हें रिटायरमेंट ले लेना चाहिए था। मुझे अब ऐसा लग रहा है मानों क्रिकेट से उन्होंने जितना नाम और इज्जत कमाई है, फैंस अब उन्हें इस तरह नहीं देख पा रहे हैं। कहीं ना कहीं वो खो जा रहे हैं। जो उम्मीद उन्होंने फैंस में जगाई थी, पिछले मैच के बाद जिस तरह चेन्नई के फैंस रोड़ पर आकर अपना इंटरव्यू दे रहे थे, उससे समझ जाना चाहिए कि अब नहीं हो पा रहा है।”
“नहीं हो पा रहा तो छोड़ दें” – मनोज तिवारी
मनोज तिवारी ने आगे कहा कि “वो कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कोच फ्लेमिंग भी कह रहे हैं कि 10 ओवरों से ज्यादा वो नहीं भाग सकते हैं। लेकिन मुझे एक बात समझ नहीं आ रही है। अगर आप पूरे 20 ओवर फील्डिंग कर सकते हो, कीपिंग कर सकते हो, जिस दौरान आपको उठना बैठना, डाइव मारना होता है तब आपके घुटने में चोट नहीं लगती है। किन जब आपको बल्लेबाजी के लिए भेजा जाता है, जहां आपके फैंस आपसे उम्मीद करते हैं। तब आप 10 ओवरों की बात करते हो। मेरे मुताबिक अब उन्हें एक स्ट्रांग फैसला लेना चाहिए अब नहीं हो पा रहा है तो छोड़ दो।”