नई दिल्ली : टिकटॉक का खुमार लोगों पर इन दिनों बुरी तरह से छाया हुआ है। फिर चाहे वह पुलिस का सिंघम अंदाज में नजर आना हो या सिंबा स्टाइल में वीडियो शेयर करना। ताजा मामला बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के अहियापुर का अहइ, जहाँ संगम घाट के पास चार स्कूली बच्चे टिकटॉक वीडियो बनाते वक्त नदी में डूब गए।
दरअसल मामला मुजफ्फरपुर जिले के अहियापुर संगम घाट की है, जहां संगम में दो छात्र नहा रहे थे और ये छात्र टिकटॉक वीडियो भी बना रहे थे, लेकिन इन्हें ये नहीं पता कि ये टिकटॉक इनकी जिंदगी का आखिरी टिकटॉक था। जी हां, चार दोस्त प्रिंस, पीयूष आयुष्मान और आकाश स्कूल से बंक मारकर नदी के किनारे पहुंच गए। वहां पर इन सभी बच्चों ने पार्टी की, जिसके बाद ये नदी में नहाते हुए वीडियो बनाने लगे। पुलिस ने मुताबिक बच्चे टिकटॉक वीडियो बना रहे थे। वीडियो बनाते समय तेज धारा में सभी बच्चे बहने लगे, जिसमें से आकाश किसी तरह से बचकर बाहर आ गया। तीन अन्य बच्चे नदी में डूब गए। सूचना पर पहुंची NDRF की टीम ने दो बच्चों के शव बरामद कर लिए हैं। एक अन्य की तलाश टीम कर रही है।
ये कोई पहला मामला नहीं है। टिकटॉक की दीवानगी लोगों के सिर चढ़कर बोल रही है। इसके पहले भी बच्चे मौत के मुंह में जा चुके हैं। एक बार टिकटॉक पर रोक भी लग चुकी है। कुछ दिन पहले की बात है, जब एक रोडवेज चालक ने ड्राइविंग करते वक्त टिकटॉक वीडियो बना लिया। उसे सोशल मीडिया पर भी पोस्ट कर दिया। मामला अधिकारियों की जानकारी में आया तो उसे नौकरी से निकाल दिया गया, क्योंकि ड्राइवर यात्रियों की जिंदगी के साथ भी खिलवाड़ कर रहा था। हाजीपुर में एक छात्र रेलवे ट्रैक पर ही कट गया था। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर कब तक टिकटॉक की दीवानगी में लोगों की जान जाती रहेगी ?