अलीगढ़ : उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ (Aligarh) में फर्जी शिक्षकों के खिलाफ डीएम ने बड़ी कार्रवाई की है। यहां फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी पाए 87 शिक्षकों की बर्खास्त कर उनकी सेवा समाप्त कर दी गई है। बर्खास्त किये गए इन शिक्षकों से अब तक की सैलरी भी रिकवर की जाएगी। दरअसल एसआईटी ने 89 फ़र्ज़ी शिक्षकों की सूची सौंपी थी, जिनमें से 2 शिक्षकों ने एसआईटी में दोबारा अपील की है। वहीं बाकी के शिक्षक फर्जी अंकपत्रों पर नौकरी करते पाए गए।
डीएम चंद्रभूषण सिंह के अनुसार इन 87 फर्जी शिक्षकों की सेवा समाप्ति के साथ ही इनसे रिकवरी का आदेश भी जारी किया गया है। सभी के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज होगा। डीएम ने कहा कि इन शिक्षकों ने जो दस्तावेज जमा कराए थे, वे फर्जी थे या उनमें हेराफेरी की गई थी। डीएम ने बताया कि कई मामले विशेष तौर पर आगरा यूनिवर्सिटी के थे। इसमें कुछ मामले एसटीएफ ने भी दर्ज किए थे। इसमें शासन के आदेश पर उन्होंने एडीएम और एसपी रूरल की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई थी, जिन्होंने दस्तावेजों की जांच की। जांच में जिनके भी दस्तावेज फर्जी पाए गए हैं, उनकी नियुक्ति को शून्य मान लिया गया है। इनको अब तक जो भी वेतन भुगतान किया गया है। उसकी रिकवरी की जाएगी।
डीएम ने कहा कि जांच अभी भी जारी है। कई ऐसे अनुदानित विद्यालय हैं, जहां ऐसी फर्जी नियुक्तियों की सूचना मिली हैं। जानकारी के अनुसार जिन दो शिक्षकों ने अपील की है, जल्द ही उन दोनों पर भी कार्रवाई होगी। जिले में फर्जी प्रपत्र लगाकर नौकरी पाने वालों में 58 और टेंपर्ड प्रपत्र लगाकर नौकरी पाने वालों में 31 शिक्षकों के नाम शामिल हैं। सभी 13 खंड शिक्षा अधिकारियों को फर्जी शिक्षकों के खिलाफ एफआइआर व रिकवरी की कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैैं।
अधिकारियों के अनुसार तीन से चार चरणों में कार्रवाई की गई है। फर्जी शिक्षकों द्वारा वेतन के रूप में ली गई राशि की रिकवरी व एफआइआर कराने के निर्देश संबंधित खंड शिक्षा अधिकारियों को दिए गए हैं। जहां फर्जीवाड़ा पाया गया है, उन ब्लॉकाें में अकराबाद में 9, अतरौली में 11, बिजौली में 3, धनीपुर में 5, गंगीरी 16, गोंडा 5, इगलास में 10, जवां में 3, लोधा में 11, टप्पल में 4, चंदौस में 4, खैर में 7 और अलीगढ़ शहर में एक मामला शामिल है।