इलाहाबाद : आधुनिकता की तरफ तेज़ी से बढ़ रहे परिवेश में वायु प्रदुषण के साथ-साथ ध्वनि प्रदुषण की समस्या भी विकराल रूप धारण करती जा रही है, जिससे निपटने के लिए संबंधित विभागों द्वारा कई तरह के कदम भी उठाये जाते हैं, लेकिन अब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ध्वनि प्रदुषण को कम करने के लिए अभूतपूर्व फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने डीजे बजाने पर पूरी तरह से बैन लगा दिया है. इतना ही नहीं, आदेश की अवहेलना करने वालों को 5 साल जेल की सजा सुनाई जा सकती है, या फिर 1 लाख का जुर्माना लगाया जा सकता है.
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में डीजे पर प्रतिबन्ध लगाते हुए कहा है कि अगर किसी भी जगह अब डीजे बजाते हुए कोई पाया जाता है, तो इसकी जवाबदेही सबन्धित थाना प्रभारी की होगी. बता दें कि हासिमपुर प्रयागराज निवासी सुशील चंद्र श्रीवास्तव व अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर ध्वनि प्रदुषण के खिलाफ कड़ी कार्यवाही किये जाने की मांग की थी, जिसपर अब हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है.
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि अनावश्यक व तेज़ ध्वनि से बच्चों और बुजुर्गों पर विपरीत असर पड़ता है. कोर्ट के अनुसार ध्वनि प्रदुषण नियंत्रण का उल्लंघन नागरिकों के मुलभुत अधिकारों का उल्लंघन है, लिहाज़ा इस तरह के मामले में दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाये, जिससे ध्वनि प्रदुषण से निपटा जा सके.