जम्मू-कश्मीर : घाटी से धारा 370 के हटने के बाद वहां सामान्य जनजीवन अभी बहल नहीं हो पाया है और कई तरह के प्रतिबन्ध अब भी लागु हैं, लेकिन इन प्रतिबंधों का आज़ादी के जश्न पर कोई असर देखने को नहीं मिला। देश के अन्य भागों की तरह कश्मीर में भी आज़ादी का जश्न जोरशोर से मनाया गया और जगह-जगह पर तिरंगे फहराए गए। हालाँकि इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम देखने को मिले।
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में तिरंगा फहराया। इस मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए राज्यपाल मलिक ने कहा कि पथराव की घटनाओं के साथ-साथ आतंकवादी संगठनों में कश्मीरी युवाओं की भर्ती में कमी आई है। झंडारोहण के बाद उन्होंने परेड की सलामी भी ली।
मलिक ने कहा कि सरकार कश्मीरी पंडितों की सुरक्षित वापसी को लेकर प्रतिबद्ध है, जो 1990 में हजारों की संख्या में घाटी छोड़कर चले गए थे। वहीं झंडारोहण के बाद बड़ी संख्या में लोगों ने आज़ादी के जश्न के गीत भी गाये और अपनी देशभक्ति का इज़हार किया। बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन और धारा 370 को हटाये जाने के बाद घाटी में ये पहला स्वतंत्रता दिवस है।