नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अपने चंद्रयान-2 के जरिए इतिहास रचने जा रहा है। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन सेंटर के दूसरे लॉन्च पैड से चंद्रयान-2 को 14 और 15 जुलाई की दरम्यानी रात 2.51 बजे लॉन्च किया जाएगा।
इस मिशन के बारे में ISRO के चेयरमैन डॉक्टर के. सिवन ने बताया कि चंद्रयान-2 को 15 जुलाई को तड़के 2:51 बजे लॉन्च किया जाएगा। मिशन के लिए भारत के सबसे ताकतवर रॉकेट GSLV MK-3 का इस्तेमाल किया जाएगा। सफल लॉन्चिंग के बाद चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-2 के लैंड करने में करीब 2 महीने का वक्त लगेगा। उन्होंने बताया कि अगर ये मिशन सफल रहता है तो चंद्रयान-2 के 6 सितंबर को चांद की सतह पर उतरने की संभावना है।
बता दें कि चंद्रयान-2 का लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान दक्षिणी ध्रुव पर उतरेंगे। ऐसा पहली बार होगा कि चंद्रयान दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा। वहीं, ऑर्बिटर चंद्रमा के चारों तरफ चक्कर लगाते हुए विक्रम और प्रज्ञान से मिले डाटा के पृथ्वी पर स्थित इसरो केंद्र के भेजेगा। इस प्रोजेक्ट की लागत 1000 करोड़ रुपए है। जानकारों के मुताबिक अगर ये मिशन सफल होता है तो भारत ऐसा चौथा देश होगे जो चंद्रमा पर रोवर उतारेगा। इससे पहले अमेरिका, रूस, चीन चांद पर रोवर उतार चुका है।