नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले से यूपी के करीब 1 लाख सहायक शिक्षकों को बड़ी राहत दी है। इन शिक्षकों पर नौकरी जाने का खतरा मंडरा रहा था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले से टाल दिया है। दरअसल इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने एक फैसले में टीईटी रिजल्ट के बाद B.Ed या BTC की डिग्री पाने वालों को नौकरी के लिए अयोग्य करार दिया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने पलट दिया है।
टीईटी प्रमाण पत्र की वैधता को लेकर याचिका दायर की गई थी, जिसमें कहा गया था कि उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी-टीईटी) के लिए 4 अक्टूबर 2011 और 15 मई 2013 को जारी शासनादेश में इस बात का जिक्र नहीं था कि, जिनके प्रशिक्षण का परिणाम टीईटी के बाद आएगा उन्हें टीईटी का प्रमाणपत्र नहीं मिलेगा। इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए आज सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को पलट दिया। सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला 2011 के बाद से यूपी में हुई सभी टीईटी परीक्षाओं के नतीजों पर लागू होगा।
बता दें कि, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 30 मई के अपने आदेश में कहा था कि जिन शिक्षकों के प्रशिक्षण का परिणाम उनके टीईटी रिजल्ट के बाद आया है, उनका चयन निरस्त कर दें। इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले से प्रभावित शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।