नई दिल्ली : मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में स्वच्छ भारत मिशन को शुरू किया गया था, जिसके बाद इसे लागातार आगे बढ़ाया जा रहा है। पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल स्वच्छ भारत मिशन को आगे बढाने के लिए सरकार गंभीर नज़र आ रही है। स्वच्छ भारत मिशन को धार देने के लिए अब सरकार ने नए प्लान के तहत काम करना शुरू कर दिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सरकार ऐसी उद्योगों पर ज्यादा टैक्स लगाने की तैयारी में है, जो कचरा फैलाते हैं।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक सरकार ऐसे इंडस्ट्रियों पर ज्यादा टैक्स लगाने की तैयारी में है, जो ज्यादा कचरा फैलाते हैं। सरकार रीसाइकिल्ड सामानों का इस्तेमाल करने वाली कंपनियों को टैक्स में छूट देने की तैयारी में भी है। पर्यावरण मंत्रालय ने 2019-22 का रोडमैप तैयार किया है, जिसमें कहा गया है कि संसाधनों के सही इस्तेमाल के लिए नेशनल रिसोर्स एफिशिएंसी अथॉरिटी बनेगी जो संसाधनों के सही इस्तेमाल के लिए नियम बनाएगी और इसकी निगरानी करेगी। इसके लिए SEZ की तर्ज पर MRZs यानी Material Recycling Zones बनाया जायेगा।
बता दें कि बढ़ते पर्यावरण प्रदुषण से निपटने के लिए सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रयोग को भी बढ़ावा देने की तैयारी में है। इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रयोग को भी बढ़ावा देने के लिए जीएसटी काउंसिल की बैठक में इलेक्ट्रिक व्हीकल पर टैक्स की दरें 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दी है, जबकि चार्जर पर जीएसटी दरें 18 फीसदी से घटाकर 12 फीसदी कर दी गयी है। स्थानीय ऑथोरिटी द्वारा 12 यात्रियों से अधिक की क्षमता वाली इलेक्ट्रिक बसों के खरीद पर जीएसटी से भी छूट देने का फैसला हुआ है।